नई दिल्ली। रिलायंस इडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी की बिजनेस वर्ल्ड में तूती बोलती है। अब एक स्कूल टीचर का बेटा बिजनेस में उनको टक्कर देने की तैयारी में है। हम बात कर रहे हैं माइक्रोमैक्स के को फाउंडर राहुल शर्मा की जो मशहूर एक्ट्रेस असिन के पति भी हैं। 10 साल पहले स्मार्टफोन की दुनिया में धूम मचाने वाली इस कम्पनी ने एक समय सैमसंग को भी पीछे छोड़ दिया था। हालांकि हाल के वर्षों में माइक्रोमैक्स पिछड़ गई। पर अब एक बार फिर माइक्रोमैस ओटीटी समेत कई बिजनस में एंट्री की तैयारी में है। मतलब आने वाले समय में वह मुकेश अंबानी की जियो को टक्कर देते नजर आएंगे। 

बिजनेस के नये सेक्टर्स में एंट्री करने जा रही माइक्रोमैक्स

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माइक्रोमैक्स बिजनेस के नये सेक्टर्स में एंट्री करने जा रही है। राहुल शर्मा के अनुसार, इस सिलसिले में चीन और अन्य कंट्रीज की कम्पनियों से भी बातचीत चल रही है। ताकि बिजनेस को आगे लेकर जाया जा सके। उनके मुताबिक, एक कंटेंट ऐप भी तैयार हो रहा है, जिस पर कई ओटीटी स्ट्रीमिंग ऐप रहेंगे। उनका मकसद कंटेंट सेक्टर में बड़ा बदलाव लाना है। उधर, ओटीटी के बिजनेस में मुकेश अंबानी की जियो पहले से ही काफी सक्रिय है। जियो ऐप के बारे में कौन नहीं जानता। उस पर पहले से ही कई सारे प्लेटफॉर्म हैं, डिज्नी+ हॉटस्टार के साथ भी डील है। इस वजह से माना जा रहा है कि इस सेक्टर में उनकी मुकेश अंबानी की जियो से टक्कर होगी। 

ग्रेटर नोएडा में एक मोबाइल फोन फैक्ट्री टेकओवर

उनके मुताबिक, वह एआई हार्डवेयर सेक्टर में भी कदम रख सकते हैं। कस्टम-मेड मेमोरी और स्टोरेज सॉल्यूशंस के जरिए बिजनेस को विस्तार भी दे सकते हैं। इस सिलसिले में ताइवान की एक प्रमुख मेमोरी चिप निर्माता कंपनी से डील होने की संभावना है। माना जा रहा है कि इस तरह नई टेक्नोलॉजी को एडॉप्ट कर लागत को कम कर, कस्टमर को सस्ती सेवाएं देने की तैयारी है, जो बाजार में प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए जरूरी भी है। माइक्रोमैक्स की मैन्युफैक्चरिंग ब्रांच भगवती ने ग्रेटर नोएडा में एक मोबाइल फोन फैक्ट्री टेकओवर की है। 

आईटी हार्डवेयर और ऑटोमोटिव पार्ट्स बनाने की तैयारी

माइक्रोमैक्स प्रतिष्ठित ओडीएम (ऑरिजनल डिजाइन मैन्युफैक्चरर्स) में से एक के साथ जॉइंट वेंचर में काम करने की तैयारी में है। ताकि मोबाइल फोन, आईटी हार्डवेयर और ऑटोमोटिव पार्ट्स का निर्माण किया जा सके। हालांकि इसकी अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उनकी कोशिश AI डेटा सेंटर्स को मजबूत बनाने की है। इसके लिए कस्टम-मेड मेमोरी और स्टोरेज समाधान डिजाइन किया जाएगा। जिसके लिए भारत में एक R&D यूनिट भी शुरू कर सकते हैं। 

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