नई दिल्ली: नासा के प्रमुख जिम ब्रेडेस्टाइन ने चेतावनी जारी की है कि धरती पर एक एस्टेरॉयड से टकराने का जबरदस्त खतरा मंडरा रहा है। वह वाशिंगटन के प्लेनेटरी डिफेंस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि एपोफिस नाम का यह एस्टेरॉयड(क्षुद्र ग्रह) का धरती से टकराना महाप्रलय जैसी तबाही पैदा कर सकता है। 

एपोफिस कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2013 में दक्षिणी यूराल क्षेत्र में एक एस्टेरॉयड धरती पर गिरा था। इससे 66 फुट गहरा गढ्ढा हो गया था।  लेकिन एपोफिस इस पुराने एस्टेरॉयड से सात गुना ज्यादा बड़ा है। यानी तबाही की आशंका पहले से बहुत ज्यादा है। 

नासा प्रमुख के मुताबिक ‘एस्टेरॉयड का टकराना अब सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं रह गया है। यह हमारे आपके इसी जीवन में सच हो सकता है इसलिए अपनी पृथ्वी को बचाना हमारा कर्तव्य है’। 

वैज्ञानिकों ने बताया है एपोफिस का आकार लगभग ढाई सौ मीटर है और यह 37014.91 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा है। अपने  आकार और गति की वजह से एपोफिस पृथ्वी पर भारी तबाही मचाने में सक्षम है। अगर वह धरती से टकराया तो करोड़ो जानें जा सकती हैं। 

बताया जा रहा है कि 13 अप्रैल 2029 को यह धरती के बिल्कुल पास 36 हजार किलोमीटर की दूरी पर होगा। ऐसे में अगर उसकी दिशा थोड़ी भी बदली तो उसे हमसे टकराने से रोका नहीं जा सकेगा। 

खास बात यह है कि आज से लगभग 500 साल पहले यानी 16वीं शताब्दी में सदी के महान भविष्यवक्ता मिशेद द नास्त्रेदमस(1503-66) ने धरती पर उल्कापिंड गिरने की भविष्यवाणी की थी। 

नास्त्रेदमस के शब्दों में 'एक मील व्यास का एक गोलाकार पर्वत अं‍तरिक्ष से गिरेगा और महान देशों को समुद्री पानी में डूबो देगा। यह घटना तब होगी जब शांति को हटाकर युद्ध, महामारी और बाढ़ का दबदबा होगा। इस उल्का द्वारा कई प्राचीन अस्तित्व वाले महान राष्ट्र डूब जाएंगे।'

यानी नास्त्रेदमस के शब्दों को सही माना जाए तो जिस समय दुनिया पर उल्कापिंड गिरेगा उस समय तीसरा विश्वयुद्ध चल रहा होगा। 

वर्तमान वैज्ञानिकों ने भी धरती पर एपोफिस के पहुंचने का समय 13 अप्रैल 2029 यानी अभी से लगभग दस साल बाद का बताया है। तो क्या माना जाए हमारी प्यारी धरती एक बड़ी तबाही की ओर बढ़ रही है। दुनिया में इससे पहले भी एस्टेरॉयड के टकराने से भारी तबाही आ चुकी है। 

वैज्ञानिक बताते हैं कि आज से साढ़े छह करोड़ साल पहले इसी तरह एक एस्टेरॉयड धरती से टकराया था। जिसकी वजह से धरती से डायनोसोर विलुप्त हो गए थे।