कांग्रेस पार्टी के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने धारा 370 हटाने पर ऐसा बयान दिया है। जिसे सुनकर लगता है कि वह कांग्रेस पार्टी के नहीं बल्कि भारत के दुश्मन पाकिस्तान के प्रवक्ता हैं। उन्होंने कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला मानने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान भी बिल्कुल ऐसा ही मानता है।
नई दिल्ली: लोकसभा में जम्मू कश्मीर मसले पर बहस के दौरान पश्चिम बंगाल के बहरामपुर से कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने अजीबो गरीब बयान दिया। उन्होंने धारा 370 हटाए जाने का विरोध करते करते कश्मीर पर भारत की स्थापित नीति का ही विरोध कर दिया। उन्होंने कश्मीर मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान की कोशिश से मिलता जुलता बयान दिया है।
अधीर रंजन चौधरी का बयान कुछ इस प्रकार था 'हमारे एक प्रधानमंत्री ने शिमला समझौता किया, दूसरे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लाहौर समझौता किया और अभी हाल में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो से कहा कि यह द्विपक्षीय मामला है। अब यह अचानक आंतरिक मामला कैसे हो गया?'
अधीर इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने अपनी बात एक बार फिर दोहराई और कहा कि जब शिमला समझौता, लाहौर समझौता हुआ और माइक पॉम्पियो से हमारे विदेश मंत्री ने कहा कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है तो यह अचानक आंतरिक मसला कैसे हो गया?
#WATCH Adhir Ranjan Chowdhury, Congress, in Lok Sabha: You say that it is an internal matter. But it is being monitored since 1948 by the UN, is that an internal matter? We signed Shimla Agreement & Lahore Declaration, what that an internal matter or bilateral? pic.twitter.com/RNyUFTPzca
— ANI (@ANI) August 6, 2019
खास बात यह है कि जब अधीर कश्मीर को भारत के आंतरिक मामला होने के दावे पर लोकसभा में सवाल उठा रहे थे तब यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की हैरानी की सीमा नहीं थी। वह जानती थीं कि अधीर के इस बयान का मतलब कितना गंभीर है। बाद में जब सदन में चौधरी के बयान से बवाल होने लगा तब सोनिया पीछे घूमकर कुछ हैरानी प्रकट करती नजर आईं। हालांकि इस दौरान राहुल गांधी चुपचाप चौधरी को सुन रहे थे। लेकिन सोनिया गांधी साफ तौर पर अधीर रंजन चौधरी के बयान से नाराज दिखीं।
बाद में इस बयान पर हंगामा होने के बाद अधीर सफाई देते नजर आए। उन्होंने कहा कि 'कश्मीर पर दुनिया की निगाहें रही हैं। अगर कश्मीर मुद्दा इतना ही आसान होता तो सरकार ने कल (सोमवार) को कई देशों के दूतों को जानकारी दी। मैं तो सरकार से सीधे स्पष्टीकरण मांग रहा था।'
अधीर ने स्पष्टीकरण देते हुए मामला भटकाने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा कि 'इसी संसद में 1994 में लोकसभा और राज्यसभा ने आम सहमति से यह प्रस्ताव पारित किया था कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को भी भारत में शामिल किया जाएगा। तो अब पीओके का क्या स्टेटस है?'
अधीर रंजन चौधरी का बयान कश्मीर पर भारत के पिछले स्टैण्ड के बिल्कुल खिलाफ है। भारत हमेशा ही कश्मीर को अपना अभिन्न अंग बताता रहा है और इस पर किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को गैरजरुरी करार देता है। लेकिन पाकिस्तान यहां हमेशा तीसरे पक्ष के दखल की बात करता है।
अधीर रंजन चौधरी के बयान ने पाकिस्तान को एक हथियार जरुर दे दिया है।
Last Updated Aug 6, 2019, 5:31 PM IST