नई दिल्ली: चंद्रयान-2 को 7 सितंबर को चंद्रमा पर उतारने की तैयारी चल रही है। वह 20 अगस्त को उसकी कक्षा में प्रवेश कर जाएगा। जिसके बाद वह चंद्रमा की परिक्रमा करते हुए 7 सितंबर को उसकी उत्तरी ध्रुव पर उतरेगा, जहां अभी तक किसी भी देश का यान नहीं पहुंच पाया है।  

भारतीय स्‍पेस एजेंसी इंडियन स्‍पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के चेयरमैन डॉ. के सिवन ने चंद्रयान की प्रगति के बारे में यह जानकारी सार्वजनिक की है।  
वह अहमदाबाद में भारतीय स्पेस कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई की जन्मशती के मौके पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए हुए थे। 

डॉ. सिवन ने चंद्रयान की अभी तक की यात्रा के बारे में विस्तार से बताते हुए जानकारी दी है कि ' 22 जुलाई को लॉन्‍च किए जाने के बाद से चंद्रयान अभी तक धरती के आसपास चक्‍कर काट रहा है। बुधवार सुबह हम एक खास मूवमेंट करने वाले हैं। 14 अगस्‍त को सुबह करीब 3.30 बजे हम ट्रांस-लूनर-इंजेक्‍शन नाम का मूवमेंट करेंगे। इससे चंद्रयान-2 धरती को छोड़कर चांद की ओर बढ़ने लगेगा। 20 अगस्‍त को हम चांद के नजदीक पहुंच जाएंगे। आखिरकार 7 सितंबर को चंद्रयान चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कर जाएगा। वर्तमान में चंद्रयान-2 बहुत अच्‍छा प्रदर्शन कर रहा है उसके सभी सिस्‍टम ठीक से काम कर रहे हैं'। 

चंद्रयान-2 लगभग 16 दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करता रहा, इस दौरान उसकी अधिकतम गति 10 किलोमीटर/प्रति सेकंड और न्यूनतम गति 3 किलोमीटर/प्रति सेकंड रही। इसके बाद वह अब चांद की ओर बढ़ रहा है। भारतीय मून मिशन अपने स्वदेशी जीएसएलवी एमके-3 रॉकेट के जरिए लांच किया गया है।