कानपुर(Uttar Pradesh ). रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए नोटों से दूर रहने की सलाह दी है। रिजर्व बैंक ने यह कहा है कि नोटों को संक्रमण से बचाने का कोई तरीका नहीं है इसलिए खुद को नोटों से दूर रखना ही संक्रमण से बचने का सबसे सुरक्षित रास्ता है। रिजर्व बैंक ने साफ़ किया है कि नोटों के संक्रमण से बचने के लिए सबसे सही रास्ता  से ज्यादा ऑनलाइन लेनदेन किया जाए। 

चीन, इटली और जापान में बैंक से निकले नोटों से भी कोरोना वायरस फैलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों को एडवायजरी जारी की है। इसे रिजर्व बैंक ने भी गंभीरता से लिया है। रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को जनता को गैर-नकद डिजिटल भुगतान विकल्प के लिए प्रेरित करने को कहा है। रिजर्व बैंक ने साफ़ किया कि इस महामारी को रोकने के प्रयासों के तहत सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचने के लिए मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट व क्रेडिट कार्ड आदि जैसे ऑनलाइन चैनलों के माध्यम से घरों से डिजिटल भुगतान ही बेहतर विकल्प है। इससे नकदी को बार-बार छूने से बचा जा सकता है।

नोटों से तेजी से फैल रहा संक्रमण 
नोटों के एक हाथ से दूसरे हाथ में जाने का कारण संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है। इंस्टीट्यूट ऑफ जेनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी ने भी अपने रिपोर्ट में कहा  है कि नकदी के लेनदेन से वायरस एक स्थान से दूसरे स्थान पर और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित हो रहे हैं। 120 करेंसी नोटों की जांच में 86.4 फीसदी नोट संक्रमित पाए गए थे। 

नकदी का इस्तेमाल कम करने से वायरस का खतरा होगा कम 
रिजर्व बैंक के मुख्य प्रबंधक योगेश दयाल के मुताबिक कोरोना के बढ़ते प्रकोप को कम करने के लिए नकदी का उपयोग से बचना भी अहम रास्ता हो सकता है। नकदी से पूरी तरह दूरी बनाना भले ही संभव न हो लेकिन इसके इस्तेमाल को कम जरूर किया जा सकता है। नकदी का इस्तेमाल वहीं करें जहां डिजिटल भुगतान की गुंजाइश नहीं है। रिजर्व बैंक एनईएफटी, आईएमपीएस, यूपीआई और बीबीपीएस फंड ट्रांसफर, वस्तुओं और सेवाओं की खरीद, बिलों के भुगतान आदि की सुविधा के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध है।