पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में बुधवार शाम भाजपा के दो 'कार्यकर्ताओं' की निर्मम हत्या कर दी गई। भाजपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं पर इन हत्याओं का आरोप लगाया है। 

भाजपा की बंगाल इकाई के महासचिव सायंतन बासु ने एक बयान जारी कर कहा, 'भाजपा के ओबीसी कार्यकर्ता दीपक महतो (27) और उसके पिता लालमन महतो (52) की पुरुलिया में टीएमसी के लोगों ने हत्या कर दी। दोनों पुरुलिया मंडल समिति के प्रभावी कार्यकर्ता थे।'  भाजपा का दावा है कि वे चावल वितरण में टीएमसी के भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे थे। इसी के चलते उनकी निर्मम हत्या की गई। 

हालांकि पुलिस ने 'राजनीतिक हत्या' की कहानी को खारिज कर दिया है। एसपी आकाश मघारिया ने कहा, यह दो परिवारों के बीच चल रहे विवाद का मामला है। इसमें दो लोगों की हत्या हुई जबकि चार लोग घायल हुए हैं। हमने कार्रवाई शुरू कर दी है। आईपीसी की धारा 341, 343, 302, 326 और 35 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल तीन आरोपी फरार हैं। 

'पूर्व का कन्नूर' बनता जा रहा पुरुलिया

पुरुलिया भी राजनीतिक हत्याओं के चलते 'पूर्व का कन्नूर' बनता जा रहा है। यहां इस तरह की हत्याओं के आरोप और उससे इनकार कोई नई बात नहीं है। इससे पहले यहां त्रिलोचन महतो और दुलाल कुमार को कथित तौर पर मारकर लटका दिया गया था। दोनों भाजपा के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं। पुलिस ने इस मामले को 'आत्महत्या' बताया था। हालांकि त्रिलोचन महतो के कपड़ों से बरामद हुए एक नोट में लिखा था कि उसकी हत्या भाजपा के साथ जुड़ाव के चलते की गई है। पुरुलिया में हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनावों में भाजपा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके बाद से जिले में राजनीतिक हिंसा बढ़ती जा रही है।