अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंड (जेकेएलएफ) पर प्रतिबंध लगा दिया है। जेकेएलएफ पर यह कार्रवाई आतंकवाद रोधी कानून के तहत की गई है। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने खुद शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया।जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के बाद जेकेएलएफ दूसरा संगठन है जिस पर केंद्र की ओर से प्रतिबंध लगाया गया है।

जेकेएलएफ पर आतंकी गतिविधियों को समर्थन करने का आरोप लगता रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी टेरर फंडिंग के सिलसिले में पिछले कई दिनों से जम्मू-कश्मीर में छापेमारी कर रहा है। इस कड़ी में ईडी ने यासीन मलिक के कई ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। 

गृहसचिव के अनुसार, जेकेएलफ पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा, यह कदम सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत उठाया है। यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू -कश्मीर लिबरेशन फ्रंट ने घाटी में अलगाववादी विचारधारा को हवा दी। यह संगठन 1988 से हिंसा और अलगाववादी गतिविधियों में सबसे आगे रहा है। राजीव गौबा ने बताया कि जम्मू और कश्मीर पुलिस ने जेकेएलएफ के खिलाफ 37 एफआईआर दर्ज की गई हैं। सीबीआई ने भी दो केस दर्ज किए जिनमें वायुसेना के जवानों की हत्या का मामला भी शामिल है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भी एक केस दर्ज किया है, जिसकी जांच जारी है। 

इससे पहले, यासीन मलिक पर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत केस दर्ज हुआ। मलिक को गत 22 फरवरी को हिरासत में लिया गया। वह इस समय जम्मू की कोट बलवाल जेल में बंद है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गत 26 फरवरी को अलगाववादी नेता के आवास पर छापे भी मारे थे। 

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पुलवामा हमले के  बाद से ही केंद्र की ओर से जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों पर तेज कार्रवाई की जा रही है। इससे पहले 28 फरवरी को केंद्र की मोदी सरकार ने जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। इसके तहत गृह मंत्रालय की कार्रवाई में जेईआइ के प्रमुख हामिद फैयाज सहित 350 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। 

वहीं, 14 फरवरी के पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने 18 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में या तो कटौती कर दी या उनकी सुरक्षा हटा ली। जिन नेताओं से सुरक्षा हटाई गई उनमें हुर्रियत नेता एसएएस गिलानी, आगा सैय्यद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शाहिद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नयीम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा के नाम हैं।