सोपोर के द्रूसू गांव में सुरक्षा बलों के साथ पिछले सप्ताह हुई मुठभेड़ में मारा गया आतंकी खुर्शीद अहमद मलिक जम्मू-कश्मीर पुलिस में भर्ती होना चाहता था। उसने सब-इंस्पेक्टर की पोस्ट के लिए आवेदन भी किया था। उसका नाम राज्य पुलिस की ओर से साक्षात्कार के लिए चयनित उम्मीदवारों की सूची में भी शामिल है। हालांकि अलगाववादियों के संपर्क में आने के बाद वह आतंकी बन गया। मलिक पुलवामा के अरवाल का रहने वाला था। बीटेक का छात्र रहा खुर्शीद आतंकी संगठन अल बद्र से जुड़ने के 48 घंटे बाद ही सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया। 

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सब-इंस्पेक्टर के पद के लिए होने वाले साक्षात्कार के लिए चयनित 2,181 उम्मीदवारों की सूची मंगलवार को जारी की थी। 26 साल के मलिक ने हजारों कश्मीरी युवाओं की तरह यह परीक्षा दी थी। उसका साक्षात्कार के लिए चयन भी हुआ था। 

सूत्रों के अनुसार, मलिक कुछ समय पहले ही अलगाववादियों के संपर्क में आया था। इसके बाद आतंकियों से सहानुभूति रखने वालों ने उसका ब्रेनवाश कर दिया। वह पुलिस या सेना में शामिल होने के बजाय आतंकवादी बन गया और आतंकी संगठन अल-बद्र से जुड़ गया। 

स्थानीय सूत्रों ने 'माय नेशन' को बताया कि मलिक पढ़ने में बहुत अच्छा था। हाईस्कूल की परीक्षा में उसने 500 में से 416 नंबर हासिल किए ते। वहीं 12वीं में उसे 750 में से 602 नंबर मिले थे। उसने पिछले साल ही एसएमईडी कॉलेज कटरा से बीटेक किया था। वह गेट परीक्षा भी पास कर चुका था। 

मलिक ने 31 जुलाई को घर छोड़ दिया था। इसके बाद उसकी बहन और मां ने एक भावनात्मक वीडियो जारी कर उससे लौट आने की अपील भी की थी। लेकिन वह नहीं माना।

सेना और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के दस्ते ने दो अगस्त की देर रात द्रूसू गांव में कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (कासो) शुरू किया था। शुक्रवार सुबह उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के इस इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। इसमें दो आतंकी मारे गए। इनमें से एक की पहचान मलिक के तौर पर हुई। 

अल बद्र पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा प्रायोजित आतंकी  संगठन है।