नई दिल्ली: बुधवार को देश भर के डॉक्टर हड़ताल पर जा रहे हैं। ऐसा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर किया जा रहा है। एक प्रेस कांफ्रेन्स में हड़ताल का ऐलान करते हुए आईएमए के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि 'लोकसभा ने हमारे हितों का ध्यान नहीं रखा। इसलिए हमने पूरे देश के डॉक्टरों से कल पूरे देश में OPD नहीं चलाने की अपील की है। बुधवार को सुबह छह बजे से लेकर गुरुवार को सुबह छह बजे तक हड़ताल की जाएगी. आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। हमने मेडिकल छात्रों की कक्षाओं का बॉयकाट करने का फ़ैसला किया है। सरकार हमारी सुनने को तैयार नहीं है। हमारा सबसे बड़ा विरोध सेक्शन 32 से है जो 3.5 लाख नौसिखियों को प्रैक्टिस करने की इजाजत देता है। इस बिल से नीम हकीम भी डॉक्टर बन जाएंगे। प्राइवेट कॉलेज अब अपनी मनमर्ज़ी से फ़ीस तय कर सकेंगे। गरीब बच्चों का पढ़ना मुश्किल हो जाएगा। इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा। हम सरकार से अपील करते हैं कि इस बिल के कई प्रावधानों को हटाया जाए। 

इस हड़ताल की तैयारी पहले से ही चल रही थी। सोमवार को ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक, 2019 के विरोध में समूचे देश के 5,000 से अधिक डॉक्टरों, मेडिकल छात्रों और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों ने दिल्ली में एम्स से निर्माण विहार तक मार्च निकालकर प्रदर्शन में किया था। 

आईएमए के साथ देश भर के लगभग 3 लाख डॉक्टर और मेडिकल छात्र जुड़े हुए हैं। 

दरअसल सरकार जल्दी ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का गठन करने जा रही है। जिसका डॉक्टर विरोध कर रहे हैं। नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक 2019 (एनएमसी बिल) लोकसभा से पास होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने इसके विरोध का ऐलान किया। 

 खासतौर से डॉक्टर धारा 32 का विरोध करते हुए इसे हटाने की मांग कर रहे हैं। लोकसभा ने सोमवार को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक-2019 को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को 17 जुलाई के दिन मंजूरी दी थी।

सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि विधेयक का मुख्य उद्देश्य मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के स्थान पर एक चिकित्सा आयोग स्थापित करना है। चिकित्सा आयोग निजी मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 फीसदी सीटों के लिए सभी शुल्कों का नियमन करेगा।