नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद को भारतीय सेना ने बेनकाब किया है। सेना ने दावा किया है कि जितने भी आरोप शेहला ने भारतीय सेना पर कश्मीर को लेकर लगाए हैं वह सही नहीं है और उसमें कोई भी सच्चाई नहीं है। लिहाजा अब शेहला की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के एक अधिवक्ता ने उन पर झूठ फैलाने के आरोप में मुकदमा चलाने की याचिका दायर की है। ये बात भी सच है कि शेहला जितने भी आरोप सेना पर लगाए हैं इसके लिए उसके पास कोई सबूत नहीं है।

शेहला ने एक के बाद एक दस ट्वीट कल ट्वीटर पर किए और  उसने भारतीय सेना पर तमाम तरह के आरोप लगाए थे। वहीं अब भारतीय सेना ने शेहला के इन आरोपों को खारिज किया है। सेना की तरफ से कहा गया है कि राज्य में हालत सामान्य हैं। असल में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 के बाद राज्य में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए सुरक्षा बलों को वहां पर तैनात किया गया है।

शेहला आरोप लगाया कि राज्य में थानों पर सुरक्षा बलों का कब्जा और वही अपने मन मुताबिक चला रहे। जबकि सेना इन उनके इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि राज्य के किसी भी थाने पर सुरक्षा बलों का कोई दखल नहीं है। सुरक्षा बल वहां पर जनता की सुरक्षा के लिए तैनात हैं। भारत विरोधी बयानों को लेकर चर्चित शेहला ने रविवार को कश्मीर के हालात पर भारतीय सेना पर आरोप लगाए थे। शेहला का आरोप था कि घाटी में मौजूदा हालात बहुत खराब है।

लेकिन सेना ने इन आरोप को वेबुनियाद बताते हुए शेहला के आरोपों की हवा निकाल दी थी। आज श्रीनगर में प्राइमरी स्कूलों खुल गए हैं और जल्द ही सीनियर कक्षाओं को भी शुरू किया जाए। फिलहाल शेहला के ट्वीट के बाद सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने शेहला पर  झूठ फैलाने के आरोप में मुकदमा चलाने की याचिका दायर की है। जिससे उससे मुश्किलें बढ़ गई हैं। शेहला ने आरोप लगाया था कि राज्य में पुलिस के पास कानून-व्यवस्था का कोई अधिकार नहीं है और ये सब अब अर्धसैनिक बलों के हाथों में है।

यही नहीं शेहला ने आरोप लगाया कि सुरक्षाबल रात में घर में घुसते हैं और लड़कों को उठाकर ले जाते हैं। हालांकि शेहला ने आरोप किसी बगैर सबूत के लगाए हैं। लिहाजा अब उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सरकार उसके आरोप पर कार्यवाही कर सकती है।