नई दिल्ली:  दिल्‍ली भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष मनोज तिवारी, पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय और वरिष्ठ नेता विजय गोयल की उपस्थिति में कपिल मिश्रा ने बीजेपी की सदस्‍यता ले ही ली। पिछले कई सालों से वह अनौपचारिक रुप से भाजपा का ही काम कर रहे थे। लेकिन अब उनकी बीजेपी सदस्यता पर मुहर लग गई। 

वैसे तो कपिल मिश्रा सालों से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला बोल रहे हैं। लेकिन भाजपा में शामिल होते ही उन्होंने केजरीवाल को डाकू करार दिया। उन्होंने कहा कि  केजरीवाल जी को किसी डाकू से कम मत समझना। गुप्ता टेंट हाउस से ही उनकी 70 सीटें आ सकती हैं।  दिल्ली की जनता नहीं देगी। 

कपिल मिश्रा ने स्वीकार किया कि 'मैंने लोकसभा में मोदी जी के लिए अभियान चलाया. हां ये बात सही है और मुझे इस बात का गर्व है।'

कपिल ने कहा कि 'बहुत ही भावुक पल है मेरे लिए। दिल से आभारी हूं। केजरीवाल भ्रष्ट सरकार से लड़ने आए थे। अन्ना जी के साथ थे तो उसूल अलग थे। अब चिदंबरम और सिब्बल दिल्ली सरकार के वकील हैं। इन्‍होंने पूरा यूटर्न ले लिया है। डीटीसी कर्मचारियों से मिलिए, ऑटो वालों की हालत देखिए. छल कपट करने से भी नहीं चूकते ये लोग। मैं भाजपा में शामिल हो रहा हूं ताकि मैं भारत माता की जय कह सकूं। दिल्ली को विकास की दिशा में चलाने की जरूरत है।'

कपिल मिश्रा के साथ आम आदमी पार्टी की राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता रिचा पांडे ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है 

आम आदमी पार्टी से बगावत करने के बाद विधायक कपिल मिश्रा की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। जिसके खिलाफ कपिल ने दिल्‍ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। कपिल ने इस बात के लिए दिल्‍ली विधानसभा अध्‍यक्ष को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने  'लॉ ऑफ नेचुरल जस्टिस' के खिलाफ जाकर निर्णय सुनाया है। 

दरअसल केजरीवाल सरकार में पूर्व मंत्री रहे कपिल मिश्रा ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में प्रचार किया था। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज की याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने दो अगस्त को मिश्रा की सदस्यता रद्द कर दी थी। विधानसभा अध्यक्ष ने दल-बदल कानून के तहत मिश्रा को अयोग्य भी ठहरा दिया था। 

करावल नगर सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक एवं जल बोर्ड के पूर्व वाइस चेयरमैन रहे कपिल मिश्रा दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री भी रह चुके हैं।