अधिसूचना जारी हो जाने के बाद अब यह सीट रिक्त हो गई है। गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता को अवैध घोषित किया था। इसके बाद कोर्ट ने चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनकी सदस्यता को रद्द करने को कहा था। हालांकि अब्दुल्ला आजम खान की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की गई थी।
लखनऊ। रामपुर से समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। इसके लिए आज विधानसभा के प्रमुख सचिव ने अधिसूचना जारी कर दी गई। जेल में बंद अब्दुल्ला की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ गई है। क्योंकि अब उनसे विधायक रहने के दौरान हासिल किए गए वेतन की भी वसूली की जाएगी। आजम अब्दुल्ला स्वार टान्डा सीट से 2017 में चुनाव जीते थे। विधानसभा की अधिसूचना जारी हो जाने के बाद अब यह सीट रिक्त हो गई है।
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता को अवैध घोषित किया था। इसके बाद कोर्ट ने चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनकी सदस्यता को रद्द करने को कहा था। हालांकि अब्दुल्ला आजम खान की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की गई थी। जिससे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। लेकिन आज विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे हाईकोर्ट के आदेश के बाद अधिसूचना जारी कर दी है।
क्योंकि इस मामले में किसी अन्य कोर्ट से स्थगनादेश सूचना नहीं आया था। लिहाजा विधानसभा ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत सपा नेता अब्दुल्ला आजम खान की विधायकी को रद्द कर दिया है। जानकारी के मुताबिक अब्दुला का निर्वाचन 16 दिसंबर 2019 से ही विधि शून्य माना जाएगा। अब्दुल्ला आजम खान खान ने पिछले दिनों सदन की कार्यवाही में भी हिस्सा नहीं लिया था।
2017 में हुए विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला आजम की उम्र 25 साल नहीं थी लेकिन उसके बावजूद उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया और चुनाव जीते। अब्दुल्ला के निर्वाचन के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी के नेता नवाब काजिम अली खान ने कोर्ट में याचिका दी थी। इस याचिका पर कोर्ट ने पाया कि अब्दुल्ला उस समय चुनाव लड़ने के पात्र नहीं थे। वहीं आजम खान और उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ फर्जी प्रमाण पत्र मामले में रामपुर की अदालत में कोर्ट चल रहा था।
जिस पर कल ही आजम खान के परिवार को 2 जून तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। हालांकि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब्दुल्ला आजम खान सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की थी, लेकिन वहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली। फिलहाल अब्दुल्ला आजम खान की विधायकी रद्द हो जाने के बाद अब उनसे इस दौरान लिए गए वेतन और भत्तों की वसूली भी की जाएगी। इसके लिए चुनाव आयोग ने यूपी विधानसभा को पत्र लिखा था।
Last Updated Feb 28, 2020, 6:57 AM IST