अयोध्या। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्यौता बाब विश्वनाथ और मॉं अन्नपूर्णा को भी दिया गया है। प्रतीक के तौर पर बाबा विश्वनाथ की तरफ से बेलपत्र और भस्म और मां अन्नपूर्णा की तरफ से चुनरी व कुमकुम अयोध्या लाई जाएगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से काशी विद्वत परिषद के अष्टमंडल को यह जिम्मेदारी दी गई है।

बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा की आज्ञा लेकर 19 जनवरी को रवाना होंगे विद्वान

इस सिलसिले में काशी विद्वत परिषद के विद्वानों का अष्टमंडल तैयार किया गया है। उसमें ज्योतिष, वेदांत और धर्मशास्त्र के विद्वान प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी, प्रो. रामचंद्र पांडेय, प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय, प्रो. विनय कुमार पांडेय, प्रो. रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो. रामनारायण द्विवेदी और प्रो. गोपबंधु मिश्र शामिल हैं। बताया जा रहा है कि काशी विद्वत परिषद का अष्टमंडल 19 जनवरी को अयोध्या रवाना होगा और बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा के प्रतीक स्वरूप बेलपत्र, भस्म, चुनरी और कुमकुम ले जाएगा। 

नियमित रूप से होगा सुंदरकांड का पाठ

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर में नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ होगा। भगवान राम के बालस्वरूप से जुड़ी चौपाइयों का भी पाठ किया जाएगा। संकीर्तन भी होगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अयोध्या में भी शास्त्रार्थ कराया जा सकता है, जैसा कि काशी की शास्त्रार्थ परंपरा है। समारोह का समय नजदीक है। इसको देखते हुए युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। पीएम मोदी समारोह के पहले राम मंदिर के निर्माण कार्यों का जायजा ले सकते हैं। इसको देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है। 30 दिसम्बर को अयोध्या एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन के उद्घाटन को देखते हुए लखनऊ—अयोध्या हाईवे को आज रात से बंद कर दिया जाएगा। यह पीएम मोदी का दौरा समाप्त होने के बाद खुलेगा।

ये भी पढें-अयोध्या राम मंदिर में लगेगा 600 किलो का घंटा, जाने इसकी खास बातें...