श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर की स्थितियों को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद आ रही है। उन्होंने ट्वीट कके कहा है कि 'बीजेपी का नेता होने के बाद भी अटल बिहारी वाजपेयी कश्मीरियों के साथ सहानुभूति रखी। आज उनकी कमी को हम सबसे ज्यादा महसूस कर रहे हैं। 

महबूबा बस इतने पर ही नहीं रुकीं। उन्होंने एक दूसरा भी ट्विट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि 'जो लोग कश्मीर की स्थिति का जश्न मना रहे हैं, वे केंद्र सरकार की एकतरफा कार्रवाई के दूरगामी परिणामों से अनजान हैं'। 


दरअसल कश्मीरी दल जम्मू कश्मीर को लेकर केन्द्र सरकार की योजना का अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा है आखिर सरकार उनके राज्य में करना क्या चाहती है। 

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लेकिन जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दल बदलती हुई परिस्थितियों को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। महबूबा मुफ्ती ने पहले भी एक ट्विट करके अपनी पीड़ा जाहिर की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि  'कैसी विडंबना है कि हमारे जैसे चुने हुए प्रतिनिधि जो शांति के लिए लड़े थे, घर में नजरबंद हैं। जागो भारत जागो।'

दरअसल जम्मू-कश्मीर में कई नेताओं को नजरबंद करने की खबर आ रही है। अफवाहें फैलने के डर से घाटी में मोबाइल और इंटरनेट प्रतिबंधित कर दिया गया है। राजधानी श्रीनगर में आज यानी 5 अगस्त से धारा-144 लगा दी गई है, जो अगले आदेश तक जारी रहेगी। 

वहीं, ऐसी खबरें आ रही हैं कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को भी नजरबंद कर दिया गया है। उनके अलावा सज्जाद लोन को भी नजरबंद कर दिया गया है. उमर ने अपनी नजरबंदी की जानकारी ट्विट करके दी है। 

कांग्रेस नेता शशि थरुर जरुर इस मौके पर उमर अब्दुल्ला के पक्ष में खड़े नजर आए हैं। 

इसके पहले गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को संसद भवन स्थित अपने कार्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह सचिव राजीव गौबा के साथ करीब दो घंटे तक उच्च स्तरीय बैठक की। जिसमें संभवत: जम्मू कश्मीर को लेकर आगे की रणनीति के बारे में चर्चा हुई।