नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी अफसरों में शुमार 1983 बैच के आईएएस अफसर भास्कर खुल्बे एक बार फिर प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच गए हैं। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी  सरकार ने भास्कर खुल्बे और अमरजीत सिन्हा को  प्रधानमंत्री कार्यालय में सलाहकार के तौर पर  नियुक्त किया है। दोनों अफसरों को सचिव स्तर का वेतनमान और ग्रेड दिया है। खुल्बे पिछले साल पीएमओ से सचिव के पद पर रिटायर हुए हैं। इन दोनों अफसरों की नियुक्ति के आदेश जारी कर किए हैं। 

भास्कर खुल्बे पश्चिम बंगाल कैडर के रिटायर अफसर हैं और करीबी पांच साल तक प्रधानमंत्री कार्यालय में वह सचिव और एडिशनल सचिव के पद पर कार्य कर चुके हैं। पिछले साल इस बात की चर्चा थी कि रिटायरमेंट के बाद खुल्बे की नियुक्ति प्रधानमंत्री कार्यालय में हो सकती है। वह प्रधानमंत्री के अवर प्रधान सचिव के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। क्योंकि प्रधानमंत्री  के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्र के सेवानिवृत्त होने के बाद पीके मिश्रा को उस पद पर नियुक्त किया गया था। जबकि पीके मिश्रा  के स्थान पर कयास लगाए जा रहे थे कि खुल्बे की नियुक्त होगी।

हालांकि उनके रिटायरमेंट कुछ महीनों के बाद प्रधानमंत्री ने खुल्बे पर एक बार फिर विश्वास जताया है। प्रधानमंत्री के करीबी और ईमानदार अफसरों में शुमार खुल्बे की प्रधानमंत्री कार्यालय में नियुक्ति काफी अहम मानी जा रही है। केन्द्र में पहली बार जब नरेन्द्र मोदी सरकार आई थी तो उस वक्त खुल्बे की नियुक्ति प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई थी। उसके बाद वह लगातार वहीं पर नियुक्त रहे। क्योंकि अलग साल साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसके लिए केन्द्र सरकार आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल के लिए अहम योजनाएं बना सकती है। ताकि इसका फायदा राज्य के विधानसभा चुनाव में केन्द्र की सत्ताधारी भाजपा को मिले। गौरतलब है कि खुल्बे किसी वक्त पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी अफसर रह चुके हैं।

वह दिल्ली में पश्चिम बंगाल सरकार के निवेश आयुक्त और स्थानीय आयुक्त भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वह केन्द्र सरकार में कई पदों पर कार्य कर चुके हैं। खुल्बे के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय में सलाहकार के तौर पर अमरजीत सिन्हा की नियुक्त हुई है। प्रधानमंत्री कार्यालय में दो वरिष्ठ अफसरों की नियुक्ति के बाद अब पीएमओ की टीम मजबूत होगी। दिलचस्प ये है कि इन दोनों अफसरों के कैडर उन राज्यों के हैं जहां पर आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इन दोनों राज्यों के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में अहम रणनीति बनने वाली है।