आंध्र प्रदेश के काकीनाडा की श्रीपीठम के प्रमुख परिपूर्णानंद को टीआरएस सरकार ने हैदराबाद से छह महीने के लिए निष्कासित करने का आदेश दिया है। उन पर भड़काऊ बयानबाजी करने के आरोप हैं। राज्य सरकार का कहना है कि परिपूर्णानंद के खिलाफ समाज विरोधी एवं खतरनाक गतिविधि अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
भड़काऊ बयानबाजी के आरोप में स्वामी परिपूर्णानंद के निर्वासन से भाजपा भड़क गई है। उसने तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस सरकार पर हिंदू संतों के प्रति 'असंवेदनशील' होने का आरोप लगाया है। पार्टी का आरोप है कि टीआरएस 'निजाम जैसी राजनीति' कर रही है।
आंध्र प्रदेश की काकीनाडा की श्रीपीठम के प्रमुख परिपूर्णानंद को टीआरएस सरकार ने बुधवार को हैदराबाद से छह महीने के लिए निर्वासित कर दिया था। राज्य सरकार का कहना है कि परिपूर्णानंद के खिलाफ समाज विरोधी एवं खतरनाक गतिविधि अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
हिंदुओं के खिलाफ हाल में आए बयान और सोशल मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कथित तौर पर चलाए जा रहे अभियान के खिलाफ 'धर्मग्रह यात्रा' शुरू करने के ऐलान के बाद उन्हें नौ जुलाई को नजरबंद कर दिया गया था।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव पी मुरलीधर राव ने यहां इस कदम की निंदा करते हुए कहा, 'यह पूरी तरह से तर्कहीन और मनमाना फैसला है। यह हिंदू संतों के खिलाफ असंवेदनशीलता को दर्शाता है।' इससे पहले राव ने एक ट्वीट करते हुए कहा था कि यह हिंदुओं का अपमान है। यह समाजिक सद्भाव को खराब करने का प्रयास है।
उधर, पुलिस के अनुसार, राज्य के विभिन्न इलाकों में अपने कार्यक्रमों के दौरान श्री पीठम के प्रमुख ने कई भड़काऊ बयान दिए। इन्हीं के आधार पर उनके खिलाफ निर्वासन की कार्रवाई की गई है।
Last Updated Jul 12, 2018, 6:08 PM IST