बेंगलुरू। कर्नाटक में होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। वहीं भाजपा ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन भाजपा के नेताओं का कहना है कि उसकी नजर राज्य की तीसरी सीट पर है। लेकिन भाजपा के पास इसके लिए जरूरी बहुमत नहीं है। लिहाजा अब सवाल ये उठ रहे हैं कि तीसरी सीट के लिए क्या भाजपा गुजरात की तरह कर्नाटक में भी फिर कांग्रेस में सेंधमारी करेगी। या फिर भाजपा को क्रासवोटिंग पर भरोसा है। लिहाजा भाजपा की रणनीति को देखते हुए जेडीएस और कांग्रेस चौकन्ने हो गए हैं।


राज्य में 19 जून को राज्यसभ चुनाव होने हैं और राज्य भाजपा इकाई के प्रवक्ता जी.मधुसूदन ने कहा कि राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के भीतर और बाहर के कई लोग टिकट की मांग कर रहे हैं।  लेकिन टिकट किसे देना है और ये आलाकमान तय करेगा। राज्य की ईकाई एक या दो दिन में इसके लिए सिफारिश करेगी। उन्होंने कहा कि "हम तीसरी सीट के लिए भी चुनाव लड़ सकते हैं, क्योंकि हमारे दो उम्मीदवारों की जीतने के बाद 27 वोट बच रहे हैं।

वहीं पार्टी को तीसरी सीट जीतने के लिए 18 वोटों की जरूरत होगी।  वहीं भाजपा तीसरी सीट के लिए बैंकर के.वी. कामथ और इन्फोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति को मैदान में उतार सकती है। वहीं दो सीटों के लिए मुरलीधर राव को मजबूत दावेदार माना जा रहा है। राज्य की चार सीटें कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद और राजीव गौड़ा और भाजपा के प्रभाकर कोरे और जनता दल-सेक्युलर कुपेन्द्र रेड्डी के कार्यकाल खत्म होने के कारण खाली हो रही हैं।  इसके लिए राज्यसभा ने 19 जून को चुनाव का ऐलान कर दिया है।


ये है विधानसभा का गणित

राज्य की 223 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 117 विधायक हैं और उसके दो उम्मीदवारों आसानी से राज्यसभा में पहुंचेंगे। वहीं कांग्रेस के पास 68 विधायक हैं और वह एक सीट पर जीत हासिल करेगी।  जबकि जेडीएस के पास 34 विधायक हैं।