नई दिल्ली। दिल्ली फतह करने के लिए भारतीय जनता ने पार्टी ने अपना प्लान बी तैयार किया है। ताकि सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को सत्ता से बेदखल कर दिल्ली की सत्ता को अपने कब्जे में लिया जा सके। फिलहाल भाजपा झारखंड और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में की गई गलतियों को नहीं दोहराएगी। लिहाजा पार्टी ने स्थानीय मुद्दों को ज्यादा तवज्जो देने की रणनीति तैयार की है।

असल में झारखंड और हरियाणा में भाजपा ने राष्ट्रीय मुद्दों के साथ स्थानीय मुद्दों को तवज्जो दी थी। जिसके कारण जनता ने उसे नकार दिया। विधानसभा चुनाव में जनता स्थानीय मुद्दों को ज्यादा तरजीह देती है। वहीं भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत राष्ट्रीय मुद्दों को उठाया और विपक्ष पर हमला साधा। भाजपा ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 और नागरिकता कानून के मुद्दों को झारखंड में उठाया जबकि जनता स्थानीय मु्ददों से जूझ रही थी। लिहाजा पार्टी को झारखंड में मात खानी पड़ी।

लेकिन अब पार्टी ने दिल्ली के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है। इस रणनीति के तहत पार्टी स्थानीय मुद्दों को ज्यादा तरजीह दे रही है। इसके साथ ही पार्टी ने चुनाव के प्रचार-प्रसार की रणनीति में बदलाव किया है। इसके तहत भाजपा नेता राज्य में बड़ी रैलियों के बजाए छोटी रैलियां करेंगे। ताकि सीधे तौर पर दिल्ली की जनता को साधा जा सके और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी सरकार की नाकामियों को जनता के सामने उठाया जा सके। लिहाजा पार्टी छोटी-छोटी सभाओं पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित कर रही है।

भाजपा के राज्य के स्तर के नेता ही राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को रैलियों की जगह सभाओं को करने का आदेश दिया गया है। पार्टी ने हर नेता को छह फरवरी रोजाना चार सभा करने का आदेश दिया है। माना जा रहा है कि भाजपा दिल्ली में लगभग 35000 सभाएं आयोजित करेगी। जिसमें पार्टी के स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के नेता हिस्सा लेंगे। इसके जरिए पार्टी हर बूथ स्तर पर जनता से संपर्क कर सकेगी। फिलहाल पार्टी ने दिल्ली में जाट वोटरों को लुभाने के लिए दिल्ली से सटी हरियाणा की सीमा पर स्थित विधानसभा क्षेत्रों में हरियाणा के नेताओं और विधायकों को लगाया है। हालांकि हरियाणा में भाजपा की सहयोगी जनता जननायक पार्टी ने दिल्ली में भाजपा को समर्थन दिया है। हरियाणा के मंत्रियों और विधायकों को दिल्ली की 17 विधानसभा सीटों का जिम्मा दिया गया है।