नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने  तालाबंदी को सख्त तरीके से लागू करने का आदेश राज्यों को दिया है। केन्द्र सरकार ने विभिन्न राज्यों को आदेश दिया है कि उनके राज्य में रह रहे प्रवासियों को राज्य सरकारें भोजन और जरूरी सामान मुहैया कराए। ताकि वह अपने राज्य में न आए। दिल्ली समेत कई राज्यों में उत्तर प्रदेश और बिहार के लाखों प्रवासियों की नौकरी चली गई है और उन्हें रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं नहीं मिल रही है। जिसके कारण वह अन्य राज्यों से पलायन कर रहे हैं।

 जानकारी के मुताबिक देश भर के बड़े शहरों से सैकड़ों की तादाद में प्रवासी कामगार अपने गाँवों की ओर वापस आ रहे हैं। जबकि इन लोगों के पास यातायात के साधन नहीं हैं और वह पैदल ही अपने गांवों की तरफ आ रहे हैं। लिहाजा केन्द्र सरकार ने राज्यों को सामूहिक पलायन रोकने का आदेश दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से इन प्रवासी और खेतिहर मजदूरों और औद्योगिक और असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों को रोकने का कहा है।

 केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों से इन लोगों को मुफ्त खाद्यान्न, दवाएं, पानी और अन्य जरूरी चीजों को मुहैया कराने का आदेश दिया है। देश में तालाबंदी के बाद उत्तर प्रदेश और बिहार के हजारों प्रवासी परेशान हैं। क्योंकि नौकरियां छूट गई हैं और उनके पास खाने के लिए अनाज नहीं है।  लिहाजा वह अपने अपने घरों के लिए पलायन कर रहे हैं। ऐसे में हालत और भी ज्यादा खराब हो गए हैं क्योंकि तालाबंदी के कारण परिवहन सेवाएं ठप हैं और ये लोग पैदल ही अपने घरों के लिए चल पड़े हैं।

एक दिन पहले ही यूपी के बुलंदशहर में राज्य सरकार ने एक हजार लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया था। ये मजदूर परिवार के साथ दिल्ली से पैदल ही घरों के लिए निकल पड़े थे। पश्चिम बंगाल और झारखंड सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सुनसान राजमार्गों में श्रमिकों की सुरक्षा और जरूरतों के लिए चिंता जताई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी 18 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर प्रवासी श्रमिकों को बुनियादी आश्रय, भोजन और चिकित्सा मुहैया कराने की मांग की है।

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी 75 जिलों के अधिकारियों को इन प्रवासी मजदूरों को भोजन और पानी देनकर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने का आदेश दिया है।  गौरतलब है कि गुरुवार को ही लॉकडाउन के मद्देनजर केन्द्र सरकार तत्काल आर्थिक संकट को दूर करने के लिए 170,000 करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है