इमरान खान चार बेल्ट एंड रोड फोरम की बैठक में हिस्सा लेने चार दिन के दौरे पर चीन पहुंचे हैं। पाकिस्तान को सबसे ज्यादा कर्ज देने वाला देश है चीन।
पाकिस्तान भले ही यह दावा करता हो कि चीन उसका सबसे करीबी दोस्त और खैरख्वाह है, लेकिन बीजिंग समय-समय पर इस्लामाबाद को उसकी जगह दिखा देता है। एक बार फिर ऐसा हुआ, जब ‘नए पाकिस्तान’ के प्रधानमंत्री इमरान खान चार बेल्ट एंड रोड फोरम की बैठक में हिस्सा लेने चार दिन के दौरे पर चीन पहुंचे।
चीन सरकार के किसी बड़े अधिकारी ने एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी नहीं की। यहां उनका स्वागत सीपीपीसीसी के बीजिंग म्युनिसिपल कमेटी की उप महासचिव ली लाइफेंग ने किया। उनके साथ पाकिस्तान में चीन के राजदूत यो जिंग और चीन में पाकिस्तान के राजदूत मसूद खालिद भी मौजूद थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खुद इमरान खान भी यह देखकर सन्न रह गए कि उनका स्वागत करने के लिए चीन सरकार का न तो कोई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद था न ही सरकार का कोई प्रतिनिधि। इससे पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय साख को एक और धक्का लगा है।
Prime Minister Imran Khan arrives in Beijing, China to attend Belt and Road Forum. #PMIKinChina #PakChinaFriendship pic.twitter.com/8rSc01lEUW
— Govt of Pakistan (@pid_gov) April 25, 2019
चीन और पाकिस्तान की मित्रता पर वित्तीय लेनदेन का काफी प्रभाव नजर आता है। यहां चीन कर्जदाता है और पाकिस्तान कर्ज लेने वाला। यही वजह है कि चीन की ओर से पाकिस्तान को खास तव्वजो नहीं दी जाती।
यह इमरान खान की दूसरी चीन यात्रा है। पिछले साल नवंबर में भी कर्ज की तलाश में इमरान चीन के दौरे पर गए थे लेकिन तब बीजिंग ने उन्हें तत्काल वित्तीय मदद देने से इनकार कर दिया था।
इमरान खान अपने चीन दौरे में रेल मंत्री शेख रशीद अहमद और जल संसाधन मंत्री मोहम्मद फैसल वावदा, वित्तीय सलाहकार डा. अब्दुल हाफिज शेख और वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रज्जाक दाऊद के साथ पहुंचे हैं। उनकी टीम में साइंस एंड टेक्नोलॉजी टॉस्क फोर्स चेयरमैन डा. अताउर रहमान भी शामिल हैं।
Last Updated Apr 26, 2019, 6:57 PM IST