मध्य प्रदेश में पिछले चार दिनों से सियासी उठापटक चल रही है। हालांकि राज्य में किसी भी विधायक ने सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया है। लेकिन कांग्रेस के कुछ विधायकों की भाजपा के साथ बढ़ती नजदीकी और राज्यसभा चुनाव के कारण राज्य में सियासी तापमान बढ़ा हुआ है।
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी हुई है। कांग्रेस का दावा है कि राज्य में भाजपा उसकी सरकार को अस्थिर करने के लिए ऑपरेशन लोटस चलाई हुआ है। हालांकि राज्य में कमलनाथ सरकार पर भले ही संकट अभी टल गए हैं। लेकिन कांग्रेस महाराष्ट्र और राजस्थान को लेकर भी चौकन्नी है। क्योंकि पार्टी को लगता है कि मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र और राजस्थान में भी ऑपरेशन लोटस हो सकता है।
मध्य प्रदेश में पिछले चार दिनों से सियासी उठापटक चल रही है। हालांकि राज्य में किसी भी विधायक ने सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया है। लेकिन कांग्रेस के कुछ विधायकों की भाजपा के साथ बढ़ती नजदीकी और राज्यसभा चुनाव के कारण राज्य में सियासी तापमान बढ़ा हुआ है।राज्य के सीएम कमलनाथ और पूर्व सीएम दावा कर रहे हैं कि राज्य में भाजपा कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने में लगी है। वहीं कांग्रेस पार्टी राजस्थान और महाराष्ट्र को लेकर चौकन्नी हो गई है।
क्योंकि पार्टी का मानना है कि इन राज्यों में विधायकों में सरकार के खिलाफ नाराजगी है। राजस्थान में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच राज्य बनने के बाद से ही छत्तीस का आंकड़ा है। हालांकि राज्य में अशोक गहलोत सरकार के पास बहुमत है। वहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायकों में सरकार और पार्टी को लेकर नाराजगी है। राज्य में सरकार बनने के वक्त कई कांग्रेस विधायकों ने कैबिनेट में शामिल करने पर आलाकमानक को विरोध जताया था।
शिवसेना विधायकों में पार्टी नेतृत्व को लेकर नाराजगी है। राजस्थान के पूर्व परिवहन मंत्री युनूस खान ने दावा किया है कि राज्य में जनता कांग्रेस सरकार से नाराज है और विधायकों में भी सरकार को लेकर नाराजगी है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर समेत कनार्टक कांग्रेस को गिरा चुकी है। वहीं अब वह मध्य प्रदेश में सेंध लगा रही है। कांग्रेस का नेताओं का कहना है कि इन राज्यों में कांग्रेस की सरकार गिराने के बाद भाजपा अन्य कांग्रेस शासित राज्यों को सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।
Last Updated Mar 6, 2020, 6:03 AM IST