नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने के कार्यक्रम में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी नहीं पहुंचे। जबकि इस कार्यक्रम में विपक्ष के ज्यादातर नेता पहुंचे थे। इन दोनों नेताओं का इस कार्यक्रम में न पहुंचने के राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं। क्यों प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार थे और उन्होंने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया है। 

प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न सम्मान दिए जाने के समारोह में बीजेपी, कांग्रेस समेत अन्या दलों के कई नेता मौजूद थे। लेकिन इसमें यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नदारद रहे। जिसके बाद चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रसपति प्रणब मुखर्जी को इस साल भारत रत्न दिया गया है। प्रणव मुखर्जी के साथ ही भूपेन हजारिका और समाजसेवा नानाजी देशमुख को मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार दिया गया है। लेकिन गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में इस कार्यक्रम से गांधी परिवार ने पूरी तरह से दूरी बनाकर रखी।

इस कार्यक्रम में न तो यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी आई और न ही राहुल गांधी। राष्ट्र पति रामनाथ कोविंद ने प्रणब मुखर्जी को देश के सर्वोच्च् नागरिक सम्मान से नवाजा। फिलहाल अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं।

सभी ने इन नेताओं के इस कार्यक्रम ने गैरमौजूदगी पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। गौरतलब है कि कुछ महीनें पहले जब प्रणब मुखर्जी संघ के कार्यक्रम में गए थे तब कांग्रेस ने उनकी आलोचना की थी। लेकिन कांग्रेस नेताओं के इस कार्यक्रम से दूरी बनाने पर कई तरह के सवालों के जबाव पार्टी को देने होंगे।

भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री मुख्ताोर अब्बामस नकवी ने कहा कि कांग्रेस को हो क्या गया है। प्रणब मुखर्जी किसी एक पार्टी के नहीं, बल्कि देश के नेता हैं। ये सम्मान पार्टी की सेवाओं के लिए नहीं बल्कि उनके कार्यों के लिए दिया गया है।

हालांकि कांग्रेस नेता तारिक अनवर का कहना है कि चाहे मंत्री हों या सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में प्रणव दा ने देश की सेवा की है। हालांकि उन्होंने इस कार्यक्रम में सोनिया और राहुल गांधी के शामिल होने के सवाल कर कहा कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है कि वह इसमें शामिल हुए या नहीं।