लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली करारी हार के बाद जिस बात की आशंका थी वही हुआ। आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश, लेकिन सभी सदस्यों ने उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है, खासतौर से उत्तरी राज्यों में तो कांग्रेस एक तरह से समाप्त होने के कगार पर है। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड में तो पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पायी है। जबकि मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश में उसे एक ही सीट पर संतोष करना पड़ा है। वहीं पश्चिम बंगाल में पार्टी को महज दो सीटें ही मिली हैं। यहां तक कि राहुल गांधी को गांधी परिवार की परंपरागत सीट अमेठी में हार का सामना करना पड़ा है।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली करारी हार के बाद जिस बात की आशंका थी वही हुआ। आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश, लेकिन सभी सदस्यों ने उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया। लोकसभा के चुनावों में मिली करारी हार के बाद आज कांग्रेस कार्यसमिति की पहली बैठक हो रही है।

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इस बैठक में कांग्रेस के दिग्गज नेता पार्टी की हार पर मंथन कर रहे हैं। हालांकि ऐसी भी चर्चा चल रही थी कि राहुल गांधी इस बैठक में अपने इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। लेकिन भी तय है कि ज्यादातर सदस्य इसका विरोध ही करेंगे और ये महज एक औपचारिकता होगी। 

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 फिलहाल बैठक के लिए आरपीएन सिंह, पीएल पुनिया और मोतीलाल वोरा, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, पी चिदंबरम, सिद्धारमैया और कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कांग्रेस मुख्यालय पहुंच चुके हैं।

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लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है, खासतौर से उत्तरी राज्यों में तो कांग्रेस एक तरह से समाप्त होने के कगार पर है। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड में तो पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पायी है। जबकि मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश में उसे एक ही सीट पर संतोष करना पड़ा है। वहीं पश्चिम बंगाल में पार्टी को महज दो सीटें ही मिली हैं।

यहां तक कि राहुल गांधी को गांधी परिवार की परंपरागत सीट अमेठी में हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि कांग्रेस को चुनाव में 52 सीटें मिली, लेकिन इसमें से तो 24 सीटें तमिलनाडू और केरल से ही मिली हैं। तमिलनाडू में पार्टी को 9 जबकि केरल में 15 सीटें मिली है। अगर देखें तो पिछले आम चुनावों के बाद से ही कांग्रेस देश में सिमटती जा रही है।

महज छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कर्नाटक में सरकार बनाने में कामयाब हो पायी थी। जबकि ज्यादातर राज्य उसके हाथ से निकल चुके हैं। फिलहाल राहुल गांधी के नेतृत्व में अब सवाल उठने शुरू हो गये हैं। हालांकि अभी तक कोई भी नेता खुल कर नहीं बोल रहा है। लेकिन नेताओं ने नैतिक दबाव बनाना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश और ओडिशा के प्रदेश अध्यक्षों ने अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेज दिया है और इन नेताओं ने हार की जिम्मेदारी स्वयं ली है।

इसके साथ ही कर्नाटक में कांग्रेस प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष एचके पाटिल और ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने चुनावों में खराब प्रदर्शन पर इस्तीफे की पेशकश की है। फिलहाल इस बात की संभावना है कि आज हो रही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी अपने इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। हालांकि ये महज औपचारिकता ही होगी।