आखिर क्यों इस किताब के दावों पर उठ रहे हैं सवाल?
Oct 13, 2018, 5:17 PM IST
एएमयू के पूर्व वाइस चांसलर जमीरुद्दीन शाह की किताब 'द सरकारी मुसलमान' में किए गए दावों पर विवाद खड़ा हो गया है। एएमयू के पूर्व वाइस चांसलर की किताब पर यहां के पूर्व छात्र जसीम मोहम्मद और अलीगढ के सांसद ने सतीश गौतम ने ऐतराज जताया है। एएमयू के पूर्व छात्र रहे जसीम मोहम्मद ने बताया की 2016 में जब जमीरुद्दीन शाह वीसी थे तो वह खुद अपनी एक टीम के साथ प्रधानमंत्री मोदी से दिल्ली में मिले थे। जसीम के साथ एएमयू के तत्कालीन वाइस चांसलर जमीरुद्दीन शाह भी थे। उस समय जमीरुद्दीन ने पीएम मोदी की करीब पांच मिनट तारीफ की थी। गुजरात दंगों के समय तत्कालीन सीएम मोदी के काम पर उन्हें बधाई भी दी थी। लेकिन अब अपनी किताब में गुजरात दंगों को लेकर मोदी की खिलाफत करना कतई सही नहीं है। जसीम के अनुसार, पूर्व वाइस चांसलर अपनी किताब बेचना चाहते हैं या 2019 के चुनाव से पहले ये कांग्रेस की रणनीति है। प्रसिद्धि पाने के लिए जमीरुद्दीन शाह मोदी पर आरोप लगा रहें है जबकि पहले उन्होंने उनसे मिल कर उनकी गुजरात दंगों में भूमिका पर तारीफ की थी।