नई दिल्ली। कारोबारियों का कहना है कि इस बार होली में कोरोना वायरस का असर देखने को मिलेगा। हालांकि कारोबारियों के बीच इसका असर अभी से दिखने लगा है। लेकिन बाजार में इसका असर आने वाले कुछ दिनों में दिखने लगेगा। कोरोना वायरस के कारण कारोबारियों ने काफी पहले से चीन से उत्पाद आयात करने बंद कर दिए थे। लिहाजा इस बार बाजार से चीनी उत्पाद गायब होने लगे हैं। वहीं बाजार में देसी उत्पादों की मांग बढ़ने लगी है। कारोबारियों का कहना है कि लोग  केसरिया गुलाल को सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं।


होली की आहट से ही बाजार गुलजार हो जाती थी।  कारोबारी पिछले साल तक चीन से उत्पादों को आयात करते थे और उन्हें बाजार में लाते थे। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण चीनी उत्पाद बाजार से गायब है। जो भी उत्पाद बाजार में दिख रहे हैं। वह पिछले साल के हैं या फिर जिन कारोबारियों ने अन्य देशों से आयातित  किए हैं। वह बाजार में दिखाई दे रहे हैं। पूर्वोत्तर के कारोबारियों ने पिछले महीने ही चीन से आयात किए जाने वाले उत्पादों पर रोक लगा दी थी। वहीं दिल्ली के कारोबारियों ने कोरोना का आहट से ही चीन के बाजार से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। वहीं कारोबारी बाजार में देसी बाजार से उत्पाद ला रहे हैं या फिर जो उत्पाद उनके गोदामों में पिछले साल के रखे हैं। उन्हें बाजार में बेच रहे हैं।

पिछले साल तक होली के मौके पर चाइनीज पिचकारियों और मुखौटों की अच्छी खासी मांग रहती थी।  लेकिन इस बार लोगों ने चीनी उत्पादों से दूरी बनानी शुरू कर दी है। लेकिन बाजार के खुशखबरी ये ही लोग अब देशी उत्पादों की मांग कर रहे हैं। वहीं देसी केसरिया गुलाल को सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। होली पर चाइनीज माल की कमी की वज़ह से दुकानदारों ने भी गुलाल का स्टॉक किया है. इस बार बाजार में दस से अधिक तरह के रंगों में गुलाल उपलब्ध है। हर्बल गुलाल की कीमत बाजार में 100 रुपये तक है। हालांकि व्यापारियों ने बाजार की मांग को देखते हुए गुलाल बम भी उतार दिए हैं। इन बमों को अनार तरह की जलाया जाता है और ऊपर जाने के बाद ये सतरंगी रोशनी के साथ गुलाल भी बिखेरता है।