फिलहाल राज्य में विधानसभा चुनाव के देखते हुए राज्य का सियासी माहौल गर्माया हुआ है। राज्य में महागठबंधन में दल आमने सामने हैं। वहीं हम आज महागठबंठन को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है। हालांकि राज्य में चर्चा है कि जीतन राम मांझी फिर अपने सियासी गुरु नीतीश कुमार के साथ जा सकते हैं। क्योंकि राजद उन्हें अभी तक दरकिनार कर रहा है उनकी बात को तवज्जो नहीं दे रहा है।
पटना। बिहार में महागठबंधन में एक तरह से दरार पड़ गई है। महागठबंधन को बचाने दिल्ली पहुंचे हिंदुस्तानी आवाम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी खाली हाथ लौटे हैं और आज वह महागठबंधन को लेकर बड़ा फैसला कर सकते हैं। मांझी अपने फैसले को लेकर अडिग हैं और जिस तरह से उन्होंने कहा था कि महागठबंधन के सबसे बड़े दल राष्ट्रीय जनता दल को समन्वय समिति बनानी होगी वो अभी तक बनी नहीं है। वहीं महागठबंधन की हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ही गायब थे। जबकि सभी दलों के मुखियाओं से इसमें शामिल होने को कहा गया था।
फिलहाल राज्य में विधानसभा चुनाव के देखते हुए राज्य का सियासी माहौल गर्माया हुआ है। राज्य में महागठबंधन में दल आमने सामने हैं। वहीं हम आज महागठबंठन को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है। हालांकि राज्य में चर्चा है कि जीतन राम मांझी फिर अपने सियासी गुरु नीतीश कुमार के साथ जा सकते हैं। क्योंकि राजद उन्हें अभी तक दरकिनार कर रहा है उनकी बात को तवज्जो नहीं दे रहा है। मांझी समन्वय समिति की मांग को लेकर लगातार राजद और तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
मांझी पटना लौट आए हैं और उनके तेवर तल्ख ही दिख रहे हैं। मांझी ने महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की मांग को लेकर तेजस्वी यादव के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। हम ने कहा कि पार्टी ने फतुहा के प्रखंड अध्यक्ष राजन राज को राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगतानंद सिंह से बात करने के लिए अधिकृत किया है। लिहाजा समझा जा सकता है कि मांझी राजद को नीचा दिखाना चाहते हैं। असल में तेजस्वी यादव ने जीतनराम मांझी को राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगतानंद से बात को कहा था। जिसके बाद हम पार्टी विफर गई है और मांझी को तेजस्वी ये तेवर नागवार गुजरे थे। जानकारी के मुताबिक हम ने आज 11 बजे पटना में बैठक बुलाई है। जिसमें आज महागठबंधन को लेकर फैसला किया जाएगा।
दिल्ली में नहीं बनी बात
मांझी दिल्ली में सोनिया गांधी के बुलावे पर गए थे लेकिन उनकी मुलाकात वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य अहमद पटेल से हुई थी। हालांकि इसके बाद वर्चुअल मीटिंग बुलाई गई, जिसमें कांग्रेस समेत सभी दलों के नेता शामिल हुए। लेकिन इसमें सोनिया गांधी और तेजस्वी यादव नदारत रहे। वहीं जीतनराम मांझी पिछले साल के आखिरी महीने से ही अल्टीमेटम दिया था और कहा था कि अगर उनकी बात नहीं सुनी जाती है वह महागठबंधन के लेकर फैसला करेंगे। यही जानकारी उन्होंने कांग्रेस के भी दी दी।
Last Updated Jun 26, 2020, 9:59 AM IST