बनारस में मां गंगा ने भारी बारिश के कारण रौद्र रुप धारण कर लिया है। जिसकी वजह से विश्वप्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट पर पानी भर गया है। यहां दूर दूर से शवदाह के लिए लाशें लाई जाती हैं। जो कि बारिश की वजह से अपनी मुक्ति के लिए इंतजार कर रही हैं।
वाराणसी: गंगा का जल स्तर काशी में मंगलवार को केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबित 69.97मीटर दर्ज किया गया।जो चेतावनी बिंदु 70.26 को शाम तक क्रास कर सकता है।वही सबसे ज्यादा मुश्किलें दाह संस्कार करने के लिए आए लोगो को हो रही है। महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर अर्थियों की वेटिंग लाइन लग गई है।आम तौर पर यहां रोज 80 से 100 चिताएं प्रतिदिन जलती है। लेकिनअब छतों पर दाह संस्कार करना पड़ रहा है।
डीएम सुरेंद्र सिंह और एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने घाटों और बाढ़ ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया और प्रशासन को अलर्ट रहने को कहा हैं।
महाश्मशान पर काम करने वाले सुरेश चौधरी ने बताया नीचे का प्लेटफार्म पूरा डूब चुका हैं। जहां पर एक साथ 12 से 20 डेडबॉडी जलते थे। लेकिन अब जगह कम होने की वजह से 6 से 7 लाशें ही एक साथ जल पा रही हैं।गलियों में शवो की लंबी लाईन लग जा रही है।
यहाँ ग़ाज़ीपुर ,मऊ ,बलिया ,गोरखपुर ,जौनपुर, सोनभद्र ,बिहार ,एमपी ,झारखंड से लोग शव मुक्ति के लिए लेकर आते है।
यही नहीं बारिश की वजह से शव दाह के सामान के कीमतों में वृद्धि हो गयी है। जहां पहले लकड़ी 300 रुपये प्रति 40 किलोग्राम थी उसकी कीमत अब 500 तक हो गई हैं।बरसात में लकड़ियां भीग जा रही है। जिसकी वजह से सूखी लकड़ियों की किल्लत हो गई है।
वाराणसी में बाढ़ राहत के लिए 28 चौकियां स्थापित की गई हैं।नाव संचालन रोक दिया गया है। 15 गांव वरुणा नदी से प्रभावित है। एनडीआरएफ पूरी तरह एलर्ट है।
Last Updated Aug 20, 2019, 6:55 PM IST