नई दिल्ली। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने इंटरनेशनल ड्रग्स तस्करी सिंडीकेट का भंडाफोड़ किया है। एनसीबी ने इस प्रकरण में तमिल फिल्मी दुनिया के एक फिल्म प्रोड्यूसर को गिरफ्तार किया है। उस पर आस्ट्रेलिया, मलेशिया और न्यूजीलैंड 2000 करोड़ रुपए के ड्रग्स भेजा है। एनसीबी की टीम बीते 4 माह से उसकी निगरानी कर रही थी। 

डीएमके का पूर्व पदाधिकारी भी रह चुका है ड्रग तस्कर प्रोड्यूसर
दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग से जुड़े इस प्रोड्यूसर का नाम जाफर सादिक है। 8 मार्च को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने ड्रग्स तस्करी में डीएमके के इस पूर्व पदाधिकारी को गिरफ्तार किया है। एनसीबी ने सादिक को भारत ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड ड्रग्स तस्करी नेटवर्क का "किंगपिन" नामित किया है। इसमें कहा गया है कि उसने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 2,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स तस्करी की है। एनसीबी के एकअधिकारी ने बताया कि ''उसने 45 से अधिक बार 3,500 किलोग्राम स्यूडोएफ़ेड्रिन विदेशों में भेजा है।'' 

 

अब तक चार फिल्मे प्रोड्यूज कर चुका है सादिक
सादिक तमिल फिल्मों का प्रोड्यूसर है। उसने अब तक 4 फिल्में बनाई हैं। उसकी आखिरी फिल्म इसी महीने रिलीज होने की उम्मीद है। जांच टीम को शक है कि उसने ड्रग्स तस्करी से होने वाली काली कमाई को खपाने के लिए फिल्म प्रोड्यूस कर रहा था। कहीं कोई और मकसद तो उसका नहीं था। इसकी भी जांच की जा रही है। 

एक हफ्ते पहले मदुरै रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया था कपल
करीब एक हफ्ते पहले एनसीबी ने मदुरै रेलवे स्टेशन से एक कपल को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा चेन्नई में एक डंप यार्ड से 180 करोड़ रुपए की मेथामफेटामाइन जब्त की थी। इस गिरफ्तारी और बरामदगी के बाद ही फिल्म प्रोड्यूसर सादिक को गिरफ्तार किया गया। जो ड्रग्स जब्त की गई थी, उन्हें तस्करी के जरिए श्रीलंका भेजा जाना था। अधिकारियों ने बताया कि 29 फरवरी को यात्री जोड़े से कुल 36 किलोग्राम और चेन्नई के कोडुंगैयुर डंप यार्ड से 6 किलोग्राम जब्त किया गया था। बरामदगी के बाद कपल को हिरासत में लिया गया।

एनसीबी को मिली थी खुफिया विभाग से जानकारी
एनसीबी को राजस्व खुफिया निदेशालय ने सूचना दी थी कि मेथमफेटामाइन, जिसे "आइस" या "क्रिस्टल मेथ" के रूप में भी जाना जाता है। यह एक अत्यधिक नशे की लत वाली साइकोस्टिमुलेंट ड्रग्स है। जो कोकीन के समान खतरनाक है और इसके जीवन पर घातक परिणाम होते हैं। 

 

तस्कर नारियल के बुरादे में छिपाकर विदेश भेजते थे ड्रग्स
एनसीबी के मुताबिक इस सिंडीकेट का भंडाफोड़ तब हुआ, जब न्यूजीलैंड अथॉरिटी ने इंडियन एजेंसी से संपर्क करके बताया कि नारियल के बुरादे में छिपाकर स्यूडोफेड्रिन भेजी गई है। इस जानकारी के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ड्रग्स तस्करों की निगहबानी तेज कर दी। उन्होंने जानकारी जुटाने के लिए जगह-जगह रेड मारी। इस दौरान पुलिस को पता लगा कि दरअसल यह पूरा नेटवर्क भारत के कई इलाकों से चलाया जा रहा है, लेकिन इसका एक मॉड्यूल राजधानी दिल्ली में है।

दिल्ली के बसई इलाके से पकड़े गए थे 3 ड्रग तस्कर 
एनसीबी ने दिल्ली के बसई दारापुर में चल रहे ड्रग्स तस्करी के बारे में दिल्ली पुलिस की मदद मांगी। उसके बाद वहां रेड करके एनसीबी ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया। चार महीने की कड़ी मशक्कत के बाद एनसीबी को पता चला कि यह सिंडीकेट आस्ट्रेलिया में ड्रग्स की एक और बड़ी खेप भेजने की तैयारी में है। उस वक्त आरोपी स्यूडोएफ़ेड्रिन को मल्टीग्रेन मिक्स्चर की एक कवर खेप में पैक करने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान 50 किग्रा स्यूडोएफ़ेड्रिन की बरामदगी हुई। 

विदेशों में 1.5 करोड़ रुपए प्रति किग्रा. है मेथामफेटामाइन ड्रग्स
एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर (जनरल ऑपरेशन) ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि इस सिंडीकेट से जुड़े लोग हेल्थ फूड पाउडर, सूखा नारियल जैसे खाद्य पदार्थों की आड़ में हवाई और समुद्री कार्गो के जरिये ड्रग्स तस्करी कर रहे थे। अब एनसीबी इस पूरे इंटरनेशनल सिंडिकेट को ध्वस्त करने के लिए न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलियाई एजेंसी के संपर्क में है। उन्होंने बताया कि स्यूडोएफ़ेड्रिन से आसानी से मेथामफेटामाइन बनाया जा सकता है। इस वजह से ये स्यूडोएफ़ेड्रिन की तस्करी करते थे। मेथामफेटामाइन दुनिया भर में सबसे ज्यादा डिमांड वाला नशीला पदार्थ है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में लगभग 1.5 करोड़ रुपये प्रति किग्रा में ये बिकता है। 

बीजेपी ने कहा, "द्रमुक सरकार ने तमिलनाडु को बना दिया ड्रग्स तस्करी की राजधानी"
नशीली दवाओं के भंडाफोड़ के बाद भाजपा के राज्य प्रमुख के अन्नामलाई ने सत्तारूढ़ द्रमुक पर हमला बोला और कहा कि तमिलनाडु ड्रग्स तस्करी में देश की राजधानी बन गया है। "अमेरिका की संघीय जांच ब्यूरो भी ड्रग्स जांच में भारतीय एजेंसी का सहयोग कर रही है।

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