पूर्व की यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2010 में सामने आए ऑगस्ता वेस्टलैंड चौपर डील घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने खुलासा किया है। ईडी के मुताबिक देश के प्रमुख मीडिया संस्थानों से तीन संपादक और पत्रकार को इस डील में खबर बदलने और दबाने के लिए पैसे दिए गए थे।
पूर्व की यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2010 में सामने आए ऑगस्ता वेस्टलैंड चौपर डील घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने खुलासा किया है। ईडी के मुताबिक देश के प्रमुख मीडिया संस्थानों से तीन संपादक और पत्रकार को इस डील में खबर बदलने और दबाने के लिए पैसे दिए गए थे।
यह खुलासा करने वाली ईडी बीते तीन महीने से ऑगस्ता वेस्टलैंड चॉपर डील में तथाकथित मिडिलमैन क्रिस्टियन मिशेल से पूछताछ कर रही है। मिशेल का प्रत्यर्पण जनवरी में कराया गया था और फिलहाल वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। ईडी ने सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल करते हुए दावा किया है कि क्रिस्टियन मिशेल ने इस डील को पास कराने के लिए कुछ पत्रकारों को पैसे देकर मदद लेने की कवायद की थी।
ईडी की चार्जशीट में तीन पत्रकारों का नाम शामिल है- राजू संथानम, शेखर गुप्ता और मनु पब्बी। ईडी ने चार्जशीट में कहा है कि कसाना शीट के मुताबिक 205860.40 यूरो की रकम राजू संथानम के बेटे अश्विन संथानम को दी गई थी। इसके अलावा अश्विन और उसके परिवार के हवाई सफर के लिए 26.50 लाख रुपये के टिकट भी खरीदे गए थे।
चार्जशीट के मुताबिक क्रिस्टियन मिशेल ने अपने पक्ष की स्टोरी मीडिया में लिखवाने के लिए एक मीडिया एडवाइजर नियुक्त किया था। मीडिया पर दबाव बनाने के लिए मिशेल ने गाय डगलस नाम के एक व्यक्ति से अनुबंध किया था। इसके अलावा इस गाय डगलस के जरिए मिशेल मनु पब्बी और शेखर गुप्ता से भी इंडियन एक्सप्रेस अखबार में डील पर छपने वाली स्टोरी में बदलाव कराया। इनके अलावा भी ईडी के मुताबिक गाय डगलस देश के कई बड़े पत्रकारों के संपर्क में था।
AgustaWestland supplementary chargesheet, suspect Christian Michel’s laughable and preposterous lies about The Indian Express coverage and a statement from Shekhar Gupta.
— ThePrint (@ThePrintIndia) April 5, 2019
Read here: https://t.co/9CRC8OCwUd pic.twitter.com/C0pQpNuGWk
खास बात है कि मनु पब्बी वही पत्रकार हैं जिन्होंने 2012-13 के दौरान आगस्ता वेस्टलैंड डील पर कई लेख लिखते हुए उजागर किया कि इस डील में कुछ गड़बड़ियां है। मिशेल के बयान को साझा करते हुए ईडी ने लिखा है कि उसने सबसे पहले गाय डगलस को मनु पब्बी से संपर्क साधने के काम पर लगाया था।
My series of reports in 2012-14 form the backbone of the CBI/ED chargesheet in the Agusta case.
— Manu Pubby (@manupubby) April 5, 2019
They never held back, were the first references of 'Fam', 'AP', Tyagi to ever be reported. https://t.co/MpL9GeRVVh
मिशेल जानना चाहता था कि क्या मनु पब्बी इस मामले में उनके क्लाइंट का रुख सुनने के लिए तैयार हैं। मौजूदा समय में दि प्रिंट के संपादक शेखर गुप्ता ने ईडी के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह हास्यासपद और निर्रथक है। वहीं मनु पब्बी का कहना है कि 2012-14 तक उनके लेखों की श्रंखला सीबीआई और ईडी की जांच की रीढ़ है।
The links are too numerous to put out. But this is just a small sample of stories published that broke the Agusta scam - from Michel to AP, Tyagi and Haschke. pic.twitter.com/6MpV3vFvgH
— Manu Pubby (@manupubby) April 5, 2019
Last Updated Apr 5, 2019, 5:05 PM IST