कालाधन के मामले में रॉबर्ट वाड्रा प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए। फिलहाल उनसे पूछताछ चल रही है। बताया जा रहा है कि वाड्रा अपना चश्मा लाना भूल गए थे, जिसकी वजह से उसे पूछताछ शुरु करने में देर हुई। फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय के सात अधिकारियों की टीम उनसे पूछताछ कर रही है।
रॉबर्ट वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर तक छोड़ने के लिए उनकी पत्नी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आई थीं। जिसके बाद वह लौटकर कांग्रेस दफ्तर पहुंचीं।
रॉबर्ट वाड्रा से प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने पूछताछ की। यह मामला कथित रूप से गैरकानूनी तरीके से विदेशों में संपत्तियां रखने से संबंधित है।
#WATCH Robert Vadra accompanied by Priyanka Gandhi Vadra arrived at the Enforcement Directorate office to appear in connection with a money laundering case. Priyanka Gandhi Vadra left soon after. #Delhi pic.twitter.com/WI8qlLtF0X
— ANI (@ANI) February 6, 2019
रॉबर्ट वाड्रा ने इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली की अदालत की दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने उन्हें निर्देश दिया था कि वह केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच में सहयोग करें।
Delhi: Robert Vadra inside the Enforcement Directorate office, to appear in connection with a money laundering case pic.twitter.com/HIiwLYpMou
— ANI (@ANI) February 6, 2019
बताया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय उनसे लंदन में कुछ अचल संपत्तियों की खरीद और स्वामित्व से संबंधित सौदों के बारे में पूछा जाएगा। जिसके बाद कालाधन निरोधक कानून के तहत उनका बयान दर्ज किया जाएगा।
इससे पहले अभी तक किसी भी जांच एजेंसी ने वाड्रा से पूछताछ नहीं की है।
इस पूछताछ के लिए रजामंदी राबर्ट वाड्रा के वकील ने पहले से ही ईडी को दे रखा है। इस पूछताछ के लिए कोर्ट ने ईडी को आदेश दिया था साथ ही वाड्रा से जांच में सहयोग करने की शर्त पर बेल दी थी।
वाड्रा के वकील द्वारा इस मामले में भरोसा दिलाने पर कि वह ईडी की विशेष कोर्ट ने पूछताछ में मदद करेंगे और उसी के बाद वाड्रा की अग्रिम अंतरिम जमानत की याचिका को 16 फरवरी तक स्वीकार कर लिया था।
वाड्रा मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने अदालत को पूरा भरोसा दिलाया था। ये मामला साल 2009 में हुए एक पेट्रोलियम सौदा से जुडा हुआ है जिसका कॉन्ट्रेक्ट एक विशेष कंपनी को करवाने में वाड्रा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस मामले में प्राप्त किए पैसे से लंदन में कई प्रापर्टी खरीद गयी थी, जिसका असली मालिकाना हक राबर्ट वाड्रा और उसके परिवार से जुडे कुछ सदस्यों का है। इस मामले में अभी तक ईडी की टीम औपचारिक तौर पर पुष्टि नहीं कर रही है कि कौन- कौन सी प्रोपर्टी को अवैध तरीके से खरीदा गया है और इसी सिलसिले में ईडी वाड्रा से पूछताछ करने वाली है।
उधर ईडी के सूत्रों के मुताबिक लंदन में राबर्ट वाड्रा और उसकी कंपनी से जुडे करीब दो घर और 6 प्लैट हैं। ऐसा माना जा रहा कि ईडी की टीम पूछताछ के दौरान भारत सहित उसके तमाम विदेशी संपत्तियों के बारे में जानकारी मांग सकती है। ईडी की टीम वाड्रा के बेहद खास सहयोगी रहे मनोज अरोड़ा से पूछताछ कर रही है और उसे आज तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत मिली हुई है। ये भी कहा जा रहा है कि हथियारों का डीलर संजय भंडारी के साथ भी मनोज अरोडा और रॉबर्ट वाड्रा के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। यही नहीं वाड्रा ने लंदन वाले फ्लैट को संजय भंडारी से करीब 16 करोड 80 लाख रूपये में खरीदा है और ये डील 2010 में हुई थी।
Last Updated Feb 6, 2019, 4:59 PM IST