भारत का अरुणाचल प्रदेश पर भीषण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। 

चीन ने इस बारे में भारत को सतर्क किया है। चीनी अधिकारियों के मुताबिक जमीन धंसने की वजह से तिब्बत में नदी का प्रवाह बाधित हो गया है। जिसकी वजह से नदी के रास्ते में कृत्रिम झील बन गई है। 

अब से लगभग 15 दिन पहले भी कुछ ऐसे ही खतरे की आशंका जताई जा रही थी। 

जल संसाधन मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक भूस्खलन और उसके बाद कृत्रिम झील बनने की जानकारी चीन ने भारत को सोमवार देर शाम राजनयिक माध्यमों से दी गई। 

इसके अलावा जल संसाधन अधिकारियों को अलग से जानकारी दी गई। चीन भारत के साथ ब्रह्मपुत्र के जलीय आंकड़े साझा करता है।

केंद्रीय जल आयोग ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि 'चीन की ओर से मिली ताजा जानकारी के अनुसार 31 अक्टूबर 2018 को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह 6:30 बजे (चीनी समयानुसार सुबह नौ बजे) भूस्खलन की जगह रुके हुए पानी की मात्रा अनुमानत: 337 एमसीएम है।'

चीन ने 17 अक्टूबर को भारत को तिब्बत में यारलुंग सांगपू नदी के निचले हिस्सों में मिलिन काउंटी में जियाला गांव के पास भूस्खलन के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद एक कृत्रिम झील बन गई थी।

जब झील से पानी निकलना शुरू हो गया तो अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी के पास के जिलों को बाढ़ की आशंका को लेकर हाई अलर्ट पर रखा गया। 

अधिकारी ने यह भी कहा है कि पंद्रह दिन पहले की तुलना में इस बार स्थिति ज्यादा भयावह नहीं है। ब्रह्मपुत्र को चीन में यरलुंग संपगो, अरुणाचल प्रदेश में सियांग नदी के नाम से जाना जाता है।

चीन से मिली जानकारी के बाद अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया गया है।

 भारत और चीन के बीच इस साल अप्रैल में ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदी पर जल संबंधी जानकारी साझा करने का समझौता हुआ था।  जिसके बाद चीन ने मई-जून से दोनों नदियों से संबंधित आंकड़े साझा करना शुरू किया है।