असल में राज्य में जुलाई महीने में इन दोनों नेताओं को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। क्योंकि ये दोनों मंत्री सचिन पायलट के करीबी थे और राज्य में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ हुई बगावत के बाद इन मंत्रियों को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया था।
जयपुर। राजस्थान में सरकारी बंगलों का मोह राज्य के बर्खास्त मंत्रियों से नहीं छूट रहा है। राज्य सरकार ने पिछले महीने सियासी ड्रामे के बाद मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को कैबिनेट से बाहर कर दिया था। लेकिन उसके बावजूद मंत्री की हैसियत से आवंटित टाइप वन श्रेणी का सरकारी बंगला ये पूर्व मंत्री खाली नहीं कर रहे हैं। लिहाजा अब राजस्थान सरकार नियमों के तहत इन मंत्रियों पर जुर्माना लगाने की तैयारी में है। ये दोनों नेता राज्य में कांग्रेस के बागी रहे नेता सचिन पायलट के करीबी हैं।
असल में राज्य में जुलाई महीने में इन दोनों नेताओं को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। क्योंकि ये दोनों मंत्री सचिन पायलट के करीबी थे और राज्य में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ हुई बगावत के बाद इन मंत्रियों को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया था। हालांकि बाद में ये दोनों बागी नेता सचिन पायलट के साथ ही पार्टी में वापस लौट आए थे। लेकिन मंत्री पद से हटाए जाने के बाद दोनों ने मंत्री की हैसियत से आवंटित टाइप वन श्रेणी का सरकारी बंगला खाली नहीं किया है। वहीं राज्य सरकार ने दोनों पूर्व मंत्रियों की सुरक्षा में भी अब तक किसी प्रकार की कटौती नहीं की है। वहीं सचिन पायलट के बारे में कहा जा रहा है कि उन पर ये नियम लागू नहीं होता है क्योंकि वह पूर्व केंद्रीय मंत्री होने के नाते वह आवंटित आवास पर रह सकते हैं।
नियमों के मुताबिक 10 हजार की पेनाल्टी रोजाना
राज्य में कैबिनेट और राज्य मंत्रियों को नियमों के मुताबिक टाइप वन श्रेणी के सरकारी बंगले आवंटित किए जाते हैं। जबकि विधायक इस श्रेणी में नहीं आते हैं। वहीं अगर विधायक टाइप वन श्रेणी का बंगला खाली नहीं करते हैं तो उन्हें प्रतिदिन 10 हजार रुपए की पेनाल्टी पड़ सकती है। वहीं ये जानकारी सामने आ रही है कि राज्य सरकार ने विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को अभी नोटिस भी नहीं थमाया है।
Last Updated Sep 14, 2020, 11:35 AM IST