जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नगरोटा टोल नाके से हमलावर युवक को पकड़ा। हिजबुल मुजाहिदीन ने कराया था हमला। पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद से पूरे राज्य में हाई अलर्ट है। जम्मू में बस धमाके के बाद खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। 

जम्मू के एक व्यस्त बस स्टैंड पर बृहस्पतिवार सुबह 11.50 बजे हुए धमाके में एक किशोर की मौत हो गई जबकि 32 लोग घायल हो गए। यह हमला ग्रेनेड से किया गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हमलावर को पकड़ लिया। आरोपी की गिरफ्तारी नगरोटा टोल नाके से हुई। जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) एम के सिन्हा ने बताया कि आरोपी का नाम यासिर अहमद भट्ट उर्फ अरहान है। वह खानपोरा तासे का रहने वाला है। उसे हिजबुल मुजाहिदीन के कुलगाम के जिला कमांडर फारूक अहमद भट्ट उर्फ उमर ने हमला करने के लिए भेजा था। हिजबुल की ओर से ही उसे ग्रेनेड मुहैया कराया गया था। 

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भीड़-भाड़ वाले इलाके में स्थित बस स्टेशन में हुए धमाके से वहां मौजूद 33 लोग घायल हो गए। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उत्तराखंड के हरिद्वार के रहने वाले 17 साल के मोहम्मद शारिक की मौत हो गई। उसकी छाती पर चोट लगी थी। वह अस्पताल में भर्ती कराए गए 33 लोगों में शामिल था।

पुलिस ने बताया कि हमलावर ने ग्रेनेड से हमला किया और मौके से फरार हो गया। पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद से पूरे राज्य में हाई अलर्ट है और इसके बीच जम्मू में बस स्टैंड पर हुए बम ब्लास्ट के बाद खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। 

सुरक्षा एजेंसियां इसे शहर में शांति एवं सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास के तौर पर देख रही हैं। उन्होंने कहा कि चार अन्य घायलों की हालत ‘गंभीर’ है और इनमें से दो का डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया है। अधिकारियों ने कहा कि घायलों में कश्मीर के 11, बिहार के दो और छत्तीसगढ़ एवं हरियाणा का एक-एक व्यक्ति शामिल है।

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आईजी सिन्हा ने कहा, शहर में इस तरह के हमले का कोई स्पष्ट इनपुट नहीं था। उन्होंने कहा, ‘सामान्य इनपुट हमेशा रहते हैं और तैनाती की जाती है। हमें जब भी इनपुट मिलता है तो हम इस पर काम करते हैं लेकिन इस बारे में कोई स्पष्ट इनपुट नहीं था।’ उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा, 'निश्चित तौर पर मंशा सांप्रदायिक शांति एवं सौहार्द बिगाड़ने की थी।'

इस बीच, रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने जम्मू में ग्रेनेड अटैक पर कहा कि 'शुरुआती जांच जारी है। सुरक्षा बलों को पहले से ही कार्रवाई करने की पूरी छूट दे दी गई है।'

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रिपोर्ट के मुताबिक, धमाके में चीनी ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया है। बताया जा रहा है कि पहले भी यह इलाका आतंकियों के निशाने पर रहा है। शुरुआती जांच में सामने आ रहा है कि इस धमाके का मकसद सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था। प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है।