नई दिल्ली। वस्तु और सेवा कर यानी जीएसटी की आज दिल्ली में अहम बैठक होने जा रही है। राजस्व में कमी को देखते हुए काउंसिल आज इसमें कई दरों को बढ़ा सकती है। हालांकि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार टैक्स दरों को बढ़ाने के खिलाफ है और राज्य सरकार ने टैक्स दरों में इजाफे पर अपना विरोध जताया है।

माना जा रहा है कि काउंसिल आज की होने वाली बैठक में जीएसटी दर और उपकर में इजाफा कर सकती है। जिसके कारण आने वाले दिनों कई उत्पादों की कीमतों में इजाफा हो सकता है और इसका सीधा बोझ जनता पर पड़ेगा। असल में सरकार कर संग्रह में आ रही कमी को देखते हुए दरों में इजाफा कर सकती है। पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने भी माना था कि जीएसटी कर संग्रह को लेकर जो उम्मीद सरकार कर  रही वह उसके अनुरूप नहीं हो रहा है।

ये भी माना जा रहा है कि काउंसिल राजस्व को बढ़ाने के लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सकती है। हालांकि कर की दरों में इजाफे को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने विरोध जताया है। टीएमसी सरकार ने कहा कि देश में अर्थव्यवस्था की गति धीरे है और महंगाई दर बढ़ी हुई है। लिहाजा टैक्स दरों में बदलाव या इजाफा नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि ऐसा कर जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।  हालांकि वित्तमंत्री की अगुवाई वाली जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी और अन्य टैक्स दरों में इजाफे और समीक्षा के लिए राज्य सरकारों से सुझाव मांगे हैं। टैक्स दरों में बदलाव और इजाफा न करने के लिए पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा जीएसटी काउंसिल को पत्र लिखा है।

उन्होंने लिखा है देश की अर्थव्यवस्था अच्छी नहीं और ऐसे समय में इससे कोई छेड़छाड़ या बदलाव नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि देश में 1 जुलाई 2017 को जीएसटी व्यवस्था लागू हुई थी। इस व्यवस्था के तहत केन्द्र ने उनके राजस्व में आने वाली कमी की भरपाई करने का आश्वासन दिया था और इसके बाद पूरे देश में टैक्स की एक व्यवस्था लागू हो गई थी। हालांकि अभी तक जीएसटी में शराब और पेट्रोल को शामिल नहीं किया  गया है।