लोकसभा चुनाव के छठे चरण में आज सात राज्यों में मतदान हो रहा है। इसमें राजधानी दिल्ली भी शामिल है। दिल्ली में हाई प्रोफाइल नेता, नौकरशाह, विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां और छोटे और बड़े कारोबारी रहते हैं। लेकिन आज छठे चरण के मतदान में कई जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने के बावजूद दिल्ली में सबसे कम वोटिंग हुई। दिल्ली में दोपहर तक पश्चिम बंगाल की तुलना में आधे से भी कम वोटिंग हुई थी। जबकि चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक दोपहर 4 बजे तक दिल्ली में 45.24 फीसदी वोटिंग हुई। जबकि पूरे देश में ये औसत 50 फीसदी था।

दुखद ये है कि दिल्ली में ज्यादातर सरकारी विभागों के लोग रहते हैं और आज अवकाश के बावजूद भी यहां पर वोटिंग कम हुई है। खासतौर से सबसे पॉश माने जाने वाले दक्षिण दिल्ली में सबसे कम वोटिंग हुई है। जो निराशाजनक है। आंकड़ों के मुताबिक जब सुबह नौ बजे पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में वोटिंग 12 से 16 फीसदी पहुंच चुकी थी, वहीं दिल्ली में ये आंकड़ा 8 फीसदी भी नहीं पहुंचा था।

चुनाव आयोग ने 10 बजे तक पूरे देश में औसत 24 फीसदी वोटिंग का ऐलान किया तो उस वक्त दिल्ली में महज 7.91 फीसदी वोटिंग हुई। इसी वक्त पश्चिम बंगाल में ये स्तर 17 फीसदी तक पहुंच गया था। इसी तरह दोपहर दिल्ली में 20 फीसदी भी वोटिंग नहीं हुई थी जबकि पश्चिम बंगाल, हरियाणा, मध्य प्रदेश में 24 से 38 फीसदी तक वोटिंग हो गयी थी।

अगर अन्य राज्यों की तुलना में देखें तो दिल्ली में अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम वोटिंग हुई। हालांकि मीडिया में दिल्ली में हो रही कम वोटिंग पर आलोचना हुई है। चुनाव आयोग ने साउथ दिल्ली और दिल्ली के अन्य लोकसभा क्षेत्र में वोटिंग बढ़ाने के लिए कई तरह के कैंप भी संचालित किए गए थे। लेकिन उसके बावजूद दिल्ली में वोटिंग में इजाफा नहीं हुआ।