नई दिल्ली। इस साल अमेरिका में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में राजनैतिक दल प्रवासी हिंदूओं को लुभाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।  मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रतिद्वंदी बाइडेन हिंदूओं को आकर्षित करने के लिए वादे कर रहे हैं और अमेरिका में हिंदुओं के बढ़ते राजनीतिक महत्व को देखते हुए कोई भी इन्हें लुभाने में पीछे नहीं रहना चाहता है। क्योंकि अमेरिका में हिंदूओं की कम आबादी होने के बावजूद ये काफी अहम मानी जा रही है

अमेरिका में मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार अभियान में हिंदुओं के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की राह में आने वाली अड़चनों को दूर करने का वादा कर रहे हैं।  हालांकि अमेरिका में हिंदूओं का झुकाव ट्रंप की तरफ है और इसमें खासतौर से गुजराती समुदाय ट्रंप का समर्थक माना जाता है। वहीं कभी भारत के विरोधी रहे बाइडेन ने भी हिंदू समुदाय को लुभाने के लिए वादे किए। अमेरिका में पहली बार ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान 'ट्रंप के लिए हिंदू आवाज' के गठन की घोषणा की थी।

जानकारी के मुताबिक हिंदू-अमेरिकी समुदाय को रिझाने के लिए ट्रंप अगले हफ्ते राष्ट्रीय सम्मेलन में घोषणा कर सकते हैं और वहीं ट्रंप ने कहा कि वह हिंदू धर्म के लाखों अमेरिकी के योगदानों का सम्मान करते हैं। ट्रंप ने कहा कि अगर वह फिर से निर्वाचित होते हैं तो अमेरिका में हिंदुओं के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की अड़चनें कम होंगी। वहीं बाइडेन ने ने कहा कि मंदिरों और उपासना स्थलों में नफरत से प्रेरित अपराधों के लिए जुर्माना और कठोर किया जाएगा और धर्म स्थलों के लिए सुरक्षा अनुदान बढ़ाया  जाएगा।