‘शी-बॉक्स’ का शाब्दिक अर्थ है सेक्शुअल हैरेसमेंट इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स। यानी महिलाओं के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ शिकायत जमा करने वाला इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स। 

इसे भारत सरकार का महिला और बाल विकास मंत्रालय चलाता है। यह एक ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली है। जिसमें शिकायत दर्ज कराने के लिए http://www.shebox.nic.in/ पर लॉग इन करना पड़ता है। 
महिलाएं इस बॉक्स में अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। यहां संगठित और असंगठित, निजी और सरकारी सभी क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाएं शिकायत कर सकती हैं। 

इसका इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले आप http://www.shebox.nic.in/ पर जाएं। 
वहां आपको दो विकल्प मिलेंगे। आप अपनी नौकरी के हिसाब से सही विकल्प चुनें। 

उसके बाद आपके सामने एक फॉर्म खुल जाएगा। जिसमें आपको अपने और जिसके खिलाफ शिकायत कर रही हैं उसके बारे में जानकारी देनी होगी। इसमें अपने कार्यस्थल की जानकारी देनी भी जरुरी है। 

पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद महिला और बाल विकास मंत्रालय उसे राष्ट्रीय महिला आयोग को भेज देता है। 
जिसके बाद इस शिकायत को महिला के ऑफिस की इंटरनल कंप्लेंट कमिटी या लोकल कंप्लेंट कमिटी (अगर आप 10 से कम कर्मचारियों वाली जगह पर काम करती हैं) को भेजेगा और मामले की रिपोर्ट मांगेगा। 

इसके बाद आईसीसी में जो भी कार्रवाई होगी, उसकी स्थिति को मंत्रालय मॉनिटर करेगा. महिला भी अपने केस के स्टेट्स को उसके ज़रिए देख सकती है. इसके लिए उसे एक  यूजर नेम और पासवर्ड दिया जाएगा, जिसे उसे शी-बॉक्स के पोर्टल पर ही डालना होगा। 

अगर शिकायत बेहद पुरानी है और शिकायतकर्ता तथा अभियुक्त अब एक साथ काम नहीं भी करते हैं, तब भी महिला शिकायत कर सकती है। ये मामले आईसीसी की बजाए लोकल पुलिस को भेजे जाएंगे। 

राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी मी टू अभियान के बाद महिलाओं की शिकायत दर्ज करने के लिए ncw.metoo@gmail.com बनाई है।

लेकिन इस शी-बॉक्स में बेहद कम शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2014 से 2018 के बीच शी-बॉक्स में मात्र 191 शिकायतें दर्ज की गईं। 

इसकी वजह यह है कि ज्यादातर महिलाएं शी-बॉक्स के बारे में जानती ही नहीं हैं।