भ्रष्टाचार और भगोड़े भ्रष्टाचारियों के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी पर हमला करने का कोई मौका ना चूकने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी और शराब बैरन विजय माल्या के मुद्दे पर सरकार पर कई बार निशाना साधा। भगोड़ा आर्थिक अपराध अध्यादेश के सदन से पास होने तक के सफर में कांग्रेस का स्टैंड पार्टी की कथनी और करनी में अंतर दिखाता है। विधेयक पर चर्चा के दौरान पार्टी ने कई व्यवधान डाले। जबकि भगोड़ा आर्थिक अपराध अध्यादेश 2018 ही कानून बनने के बाद वो व्यवस्था बनाने सक्षम था जिससे देश के बैंको और अर्थव्यवस्था को चूना लगाकर देश से बाहर भागने वालों पर शिकंजा कसा जा सके।
संसद के रिकॉर्ड से ये बात सामने आई है कि कांग्रेस के एमपी टी सुब्बारामी रेड्डी ने संसद में भगोड़ा आर्थिक अपराध अध्यादेश के विरोध में अपना मत रखा था। 18 जुलाई को सुब्बारामी रेड्डी ने इस अध्यादेश के खिलाफ अपना प्रस्ताव रखा। 


माय नेशन ने कांग्रेस नेता पीसी चाको से जब इस मसले पर बात करनी चाही तो उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं होने का हवाला देकर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
संसदीय दस्तावेज में ये भी साफ होता है कि रेड्डी ने ये प्रस्ताव उस दिन ही सदन में रखा जिस दिन वित्त मंत्री पियूष गोयल भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून का संशोधित स्वरूप सदन में रखने वाले थे।
गोयल ने सदन के समक्ष ये बात रखी कि सरकार ये अध्यादेश उन आर्थिक अपराधियों के लिए लाई है जो फ्रॉड करके देश से भाग जाते हैं, नए कानूनों के बाद उनको भारतीय न्याय तंत्र के सामने लाया जा सकेगा। संसद से पास हो चुके इस अध्यादेश के प्रभावी होने के बाद भगोड़े आर्थिक अपराधियों की खैर नहीं होगी।
छुट्टी पर चल रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण के दौरान कहा ही था कि सरकार भगोड़े आर्थिक अपराधियों को लेकर गंभीर है और उन्हें ऐसा करने से रोका जाएगा। इसको लेकर 12 मार्च को सदन में बिल लाया भी गया लेकिन विपक्ष के अड़ंगे के कारण पास नहीं हो सका। 


ये हैं विधेयक की खास बातें

  •  स्पेशल कोर्ट आर्थिक अपराधी को भगोड़ा घोषित करेगी।
  • भगोड़ा आर्थिक अपराधी की संपत्ति अटैच होगी।
  • स्पेशल कोर्ट भगोड़ा आर्थिक अपराधी को नोटिस जारी करेगी।
  •  भगोड़ा अपराधी की देश-विदेश में स्थित बेनामी सहित हर तरह की संपत्ति जब्त की जाएगी।
  •  भगोड़ा आर्थिक अपराधी कोई भी दीवानी दावा नहीं कर पाएगा
  • कानून के तहत जब्त संपत्ति के प्रबंधन और निपटान के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया जाएगा।

इस विधेयक में भगोड़े अपराधियों की देश-विदेश स्थित संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान है। अगर कोई अपराधी कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए देश से बाहर भाग जाता है तो उसे भगोड़ा घोषित किया जाएगा और विदेशों में स्थित उसकी संपत्ति को जब्त करने के लिए उन देशों से सहयोग किया जाएगा। बैंकों का 100 करोड़ रुपये बकाया कर्ज लेकर भागने वाले अपराधियों के साथ-साथ एक निश्चित श्रेणी के अपराध भी इसके दायरे में आएंगे। खास बात यह है कि ऐसे अपराधियों की संपत्ति उनके दोषी सिद्ध करार दिए जाने से पहले ही जब्त की जा सकेगी।