नई दिल्ली। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद इमरान सरकार ने भारत के साथ व्यानपारिक संबंधों के खत्म करने का फैसला तो कर लिया है। लेकिन अब इमरान सरकार अपने फैसले को लेकर दो राहे पर खड़ी है।

क्योंकि पाकिस्तान की माली हालत ठीक नहीं है और अब भारत से आर्थिक रिश्ते तोड़ने के बाद पाकिस्तान में महंगाई कई गुना बढ़ने के आसार हैं। क्योंकि पाकिस्तान में काफी खाद्य उत्पादों का भारत से निर्यात किया जाता है। जो अन्य देशों की तुलना में ज्यादा सस्ता है। वहीं ईद के करीब होने के कारण महंगाई बढ़ने के डर से इमरान सरकार को जनता में बगावत का डर सता रहा है।

माना जा रहा है कि पाकिस्तान की इमरान सरकार के फैसले के बाद वहां की जनता महंगाई से डरी हुई है, जबकि इमरान खान जनता की बगावत के कारण डरे हुए हैं। ये तय है कि अब पाकिस्तान में जरूरी खाद्य उत्पादों की कीमतों में इजाफा होगा।

वहां की जनता पर पहले से ही महंगाई की मार पड़ी हुई है क्योंकि पाकिस्तान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्दा कोष से कर्जा लिया हुआ है। जिसके कारण पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है और बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है। क्योंकि आईएमएफ ने जो शर्ते लगाई हैं उसके मुताबिक पाकिस्तान सरकार को निजी कंपनियों के लिए रास्ते खोलने होंगे और जनता पर नए टैक्स थोपने होंगे।

यही नहीं नहीं पाकिस्तान में नागरिकों को दी जा रही सहूलियतों को भी सरकार को वापस लेना होगा। लिहाजा पाकिस्तान की जनता पहले से ही इमरान सरकार का विरोध कर रही है। वहीं अब भारत से व्यापारिक संबंधों को खत्म करने के बाद पाकिस्तान को महंगी दरों पर अन्य देशों से खाद्य उत्पादों को आयात करना पड़ेगा। 

ईद ने बढ़ाई मुश्किलें

पाकिस्तान की जनता ईद की तैयारी कर रही है। लेकिन प्याज टमाटर समेत कई उत्पादों को पाकिस्तान भारत से ही आयात करता है। लेकिन अब व्यापारिक संबंध करने के बाद पाकिस्तान की जनता को महंगे खाद्य उत्पाद खरीदने का डर सता रहा है।

जनता में इमरान सरकार को लेकर भी काफी गुस्सा है। भारत से आयात बंद होने के कारण इस बार की ईद फीकी रहेगी। क्योंकि जनता को डर है कि प्या ज से लेकर सब्जियों की कीमतों में इजाफा होगा।