बैंकों के कुछ अधिकारियों से मिलकर हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर देश से भागे आर्थिक अपराधियों के खिलाफ एक बड़े खुफिया ऑपरेशन की तैयारी चल रही है। इस संबंध में कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है। हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि किन लोगों को वापस लाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने गुप्त कार्रवाई की योजना बनाई है। हालांकि अटकलें हैं कि पीएनबी बैंक धोखाधड़ी मामले में देश से भागे मेहुल चोकसी को कैरेबियाई देश एंटीगुआ से प्रत्यर्पित कर भारत लाया जा सकता है।  

कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एयर इंडिया के एक विशेष विमान से विशेष सुरक्षा अधिकारी, जांचकर्ता और चालक दल के सदस्य देश से बाहर गए हैं। हालांकि ये लोग कहां गए हैं, इस संबंध में अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है। लेकिन माना जा रहा है कि किसी बड़े आर्थिक अपराधी को अगले सप्ताह तक प्रत्यर्पित कर देश लाया जा सकता है। 

पीएनबी घोटाले के आरोपी चोकसी ने 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी। उसने अपने रिश्तेदार नीरव मोदी के साथ मिलकर पीएनबी से धोखाधड़ी की। इस मामले को फिलहाल सीबीआई और ईडी देख रहे हैं। जांच एजेंसियां अभी तक 4500 करोड़ रुपये की  संपत्ति जब्त कर चुकी हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पूरा ऑपरेशन अगले सप्ताह तक पूरा हो सकता है। 

मेहुल चोकसी और नीरव मोदी भारतीय बैंकों से हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर भागे हैं। पिछले साल दोनों का घोटाला सामने आया और उनके खिलाफ विभिन्न आपराधिक कानूनों के तहत केस चल रहा है। दोनों ने कथित तौर पर पंजाब नेशनल बैंक से 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।

कैरिबाई देशों के विवादित पेड सिटीजनशिप का फायदा उठाकर हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी तथा विनसम डायमंड्स के प्रमोटर जतिन मेहता जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों ने इन देशों की नागरिकता ले रखी है। मेहता ने कुछ साल पहले सेंट किट्स एंड नेविस की नागरिकता ली थी, जबकि चोकसी ने हाल में एंटीगुआ और बारबूडा की नागरिकता ली है। ये द्वीप 132 देशों में वीजा फ्री यात्रा की सुविधा देते हैं। 

गत वर्ष विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर एंटीगुआ और बरबूडा में अपने समकक्षों से मुलाकात की थी। इस दौरान चौकसी के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठा था। वह इस समय कैरेबियाई द्वीपों में छिपा है। बरबूडा के विदेश मंत्री ईपी चेट ग्रीने ने इस मामले में भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने की बात कही थी। विदेश मंत्री के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस बैठक के बाद यह जानकारी दी थी।