इसरो का कहना है कि हम इस मिशन पर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा दिए लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लालकिले से ऐलान किया कि भारत 2022 से पहले अंतरिक्ष में अपने दम पर भारतीय को भेज देगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पीएम के इस ऐलान का स्वागत किया है। इसरो का कहना है कि हम इस मिशन पर काम कर रहे हैं। हम पीएम के दिए लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
इसरो के चेयरमैन के शिवन ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने हमें 2022 का लक्ष्य दिया है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि इसे पूरा किया जाए। हम पहले ही इस मिशन पर काम कर रहे हैं। क्रू मॉड्यूल और एस्केप सिस्टम पर काम पूरा हो चुका है। प्रोजेक्ट पर वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। अब हमें लक्ष्य हासिल करने की दिशा में प्राथमिकता के साथ काम करने की जरूरत है।'
PM has given target of 2022& it's our duty to meet it. We are already on the job a&we have completed many technologies like crew module & escape systems. The project has been underway, now we need to prioritise &achieve the target: ISRO chairman K Sivan on Gaganyaan 2022 mission pic.twitter.com/2WD1ydJfkk
— ANI (@ANI) August 15, 2018
गगनयान मिशन 2022 से जुड़ी पहली सेटेलाइट टीम के वैज्ञानिक तुषार जाधव का कहना है, 'हमें यह लक्ष्य हासिल करने के लिए तकनीक को बेहतर करना होगा। डेडलाइन मुश्किल तो है लेकिन हमारे पास निश्चित रूप से इसको हासिल करने की क्षमता है। एक बड़ा रॉकेट और अंतरिक्ष यात्रा के लिए अंतरिक्षयात्रियों को प्रशिक्षण दो प्रमुख चुनौतियां हैं।'
We need to enhance technology to achieve this, deadline looks tough but we certainly have the capability to do it. A big rocket and astronaut training are two main challenges: Tushar Jadhav, Scientist( Pratham Satellite team) on Gaganyaan 2022 mission pic.twitter.com/NrBmSVd54t
— ANI (@ANI) August 15, 2018
प्रधानमंत्री ने एक चौंकाने वाली घोषणा में कहा, आज इस लाल किले की प्राचीर से, मैं देशवासियों को एक खुशखबरी सुनाना चाहता हूं। हमारा देश अंतरिक्ष की दुनिया में प्रगति करता रहा है। लेकिन हमने सपना देखा है, हमारे वैज्ञानिकों ने सपना देखा है। हमारे देश ने संकल्प किया है कि 2022, जब आज़ादी के 75 साल होंगे तब या हो सके तो उससे पहले, आज़ादी के 75 साल मनाएंगे तब, मां भारत की कोई संतान चाहे बेटा हो या बेटी, कोई भी हो सकता है। वे अंतरिक्ष में जाएंगे। हाथ में तिरंगा झंडा लेकर के जाएंगे। आजादी के 75 साल के पहले इस सपने को पूरा करना है। मंगलयान से लेकर के भारत के वैज्ञानिकों ने जो अपनी ताकत का परिचय करवाया है। अब हम मानव सहित गगनयान लेकर के चलेगें और ये गगनयान जब अंतरिक्ष में जाएगा, तो कोई हिंदुस्तानी लेकर जाएगा। यह काम हिंदुस्तान के वैज्ञानिकों द्वारा होगा। हिंदुस्तान के पुरुषार्थ के द्वारा पूरा होगा। तब हम विश्व में चौथा देश बन जाएंगे, जो मानव को अंतरिक्ष में पहुंचाने वाला होगा।
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Last Updated Sep 9, 2018, 12:27 AM IST