हायसिस का उद्देश्य पृथ्वी की सतह के साथ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम में इंफ्रारेड और शॉर्ट वेव इंफ्रारेड फील्ड का अध्ययन करना है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने विश्वसनीय रॉकेट पीएसएलवी-सी 43 से धरती की निगरानी करने वाले स्वदेशी उपग्रह 'हायसिस' को सफलतापूर्वक लांच किया और उसे अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया। पीएसएलवी-सी 43 आठ देशों के 30 अन्य उपग्रहों को लेकर रवाना हुआ था। यह पीएसएलवी की 45वीं उड़ान है।
Update #9#ISROMissions#PSLVC43 successfully lifts off with 31 satellites, including #HysIS, from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota.
— ISRO (@isro) November 29, 2018
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इसरो ने कहा कि प्रक्षेपण के लिए 28 घंटे की उलटी गिनती बुधवार सुबह 5 बजकर 58 मिनट पर शुरू हुई थी और रॉकेट चेन्नई से करीब 110 किलोमीटर दूर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से गुरुवार सुबह 9 बजकर 58 मिनट पर रवाना हुआ।
📡LIVE Now: Launch of 🚀PSLV-C-43/Hysis from Satish Dhawan Centre, Sriharikota https://t.co/9Q3y4xBsgi
— PIB India (@PIB_India) November 29, 2018
इसरो द्वारा विकसित भू प्रेक्षण उपग्रह ‘हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट’(हायसिस) पीएसएलवी-सी 43 मिशन का प्रमुख उपग्रह है। इसरो ने बताया कि अंतरिक्षयान का वजन करीब 380 किलोग्राम है और इसे 97.957 अंश झुकाव के साथ 636 किलोमीटर-पोलर सन सिंक्रोनस कक्षा में स्थापित किया गया।
हायसिस की मिशन अवधि पांच साल की है और इसका प्रमुख उद्देश्य पृथ्वी की सतह के साथ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम में इंफ्रारेड और शॉर्ट वेव इंफ्रारेड फील्ड का अध्ययन करना है। हायसिस एक विशेष चिप की मदद से तैयार किया जाता है जिसे तकनीकी भाषा में ‘ऑप्टिकल इमेजिंग डिटेक्टर ऐरे’कहते हैं।
हायसिस के साथ जिन उपग्रहों को रवाना किया गया है उनमें आठ देशों के 29 नैनो और एक माइक्रो उपग्रह शामिल हैं। इनमें 23 उपग्रह अमेरिका के और एक-एक उपग्रह ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड और स्पेन के हैं। इन सभी उपग्रहों को इसरो की वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से वाणिज्यिक संविदा के तहत प्रक्षेपित किया गया है।
इसरो ने कहा कि सभी उपग्रहों को पीएसएलवी-सी 43 द्वारा 504 किलोमीटर कक्षा में स्थापित किया जाना है। यह इस महीने में इसरो का दूसरा प्रक्षेपण है। अंतरिक्ष एजेंसी ने 14 नवंबर को अपने अत्याधुनिक संचार उपग्रह जीसैट-29 को जीएसएलवी एमके 3-डी 2 के साथ प्रक्षेपित किया था।
Last Updated Nov 29, 2018, 12:07 PM IST