मध्य प्रदेश में चुनाव आयोग के आदेश पर इनकम टैक्स विभाग की रेड में महज दो दिन के भीतर 281 करोड़ रुपये के अवैध लेनदेन और कैश रैकेट का खुलासा हुआ है। लेकिन आज सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस ने एक बड़ा बयान देकर सबको चौंका दिया कि ये पैसा दिल्ली के एक बड़ी राजनैतिक पार्टी के मुख्यालय में चुनावों के लिए भेजा जाना था। प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के सहयोगियों के घरों में रविवार सुबह छापेमारे की गयी थी और इसमें एक बड़े कैश रैकेट का खुलासा हुआ है। 

 सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस ने कहा कि जो 20 करोड़ रुपये के संदिग्ध कैश मिला है उससे जुड़ी आगे कड़ियों का पता लगाया जा रहा है। क्योंकि इस रेड में कई डायरी, कंम्प्यूटर में एक्सेल सीट समेत कई दस्तावेज मिले हैं और इनकी जांच की जा रही है। लेकिन जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक दिल्ली के तुगलक रोड पर एक राजनैतिक पार्टी से जुड़े व्यक्ति को पार्टी के मुख्यालय में भेजा जाना था। अभी तक राज्य में की गयी रेड में 281 करोड़ के बेहिसाबी नगदी मिली है।

गौरतलब है कि रविवार तड़के सुबह आयकर विभाग ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी सहयोगियों और अन्य के खिलाफ छापेमारी की और इसके बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। जानकारी के मुताबिक छापों के दौरान करीब 281 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी के रैकेट का पता लगाया है। इस छापेमारी में इस भुगतान से जुड़ी डायरी तथा कंप्यूटर फाइलें विभाग ने अपने कब्जे में ले ली हैं। वहीं आयकर विभाग का कहना है कि 20 करोड़ रुपये की संदिग्ध नकदी के तुगलक रोड पर रहने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के घर से दिल्ली की बड़ी राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय तक कथित तौर भेजा जाना था और इसके सुराग छापेमारी के दौरान मिले हैं।

हालांकि सीबीडीटी ने किसी पार्टी का नाम और व्यक्ति का नाम उगागर नहीं किया है। लेकिन इसका इशारा एक राष्ट्रीय पार्टी की तरफ जुड़ा जरूर है, जिससे ये लोग जुड़े हैं जो इस राजनैतिक पार्टी या पदाधिकारियों से जुड़े हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि आयकर विभाग ने 230 करोड़ के बेहिसाब लेनदेन की नकद पुस्तिका रिकॉर्डिंग, नकली बिलों के जरिए 242 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि की वसूली और 80 कंपनियों के जरिए कर चोरी करने के सबूत मिले हैं। 

जानें किसके घरों और कार्यालयों में पड़े छापे

रविवार के तड़के आयकर विभाग ने कमलनाथ के विशेष कार्याधिकारी प्रवीण कक्कड़, पूर्व सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, अश्विनी शर्मा, पारसमल लोढ़ा, उनके बहनोई की कंपनी मोजर बेयर से जुड़े अधिकारी और उनके भांजे रतुल पुरी के घरों और कार्यालयों में छापे मारे।