नई दिल्ली। देश में मौसम के कारण हालत बुरा है।  जहां देश के उत्तरी राज्यों में प्रचंड गर्मी पड़ रही है और आसमान से आग बरस रही हैं। वहीं देश के पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश के कारण हालत खराब है और बाढ़ के जैसे हालत हैं। पूर्वोत्तर में नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है और असम के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है वहीं मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश की आशंका जताई गई है।

देश में मौसम की बेरूखी देखी जा रही है। देश के पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश के कारण हालत खराब हैं।असम और पड़ोसी मेघालय के कुछ हिस्सों में सुपर साइक्लोन अम्फन के कमजोर होने के बाद 20 मई से बहुत भारी बारिश हो रही है। बारिश के कारण नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने असम के निमाती घाट और जोहट और सोनितपुर,जियाभाराली जिलों में ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ के लिए अलर्ट जारी किया है। असम और पड़ोसी मेघालय के कुछ हिस्सों में सुपर साइक्लोन अम्फन के कमजोर होने के बाद 20 मई से बहुत भारी बारिश हो रही है।

जोरहाट खंड में ब्रह्मपुत्र में उच्चतम बाढ़ का स्तर 87.37 मीटर और वर्तमान में जल का स्तर 85.78 मीटर पर है। वहीं जीयाभारली जिले में उच्चतम बाढ़ स्तर 78.5 मीटर और वहां पर वर्तमान स्तर 77.36 मीटर पर है। वहीं मेघालय, असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में पिछले पांच दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। ऐसा माना  जा रहा है कि बारिश अगले तीन दिनों तक जारी रह सकती है। वहीं असम के चेरापूंजी में पिछले चार दिनों में 1,105 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड  दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी भारी बारिश की आशंका है

वहीं देश के उत्तरी राज्य में आसमान से आग बरस रही है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश राजस्थान में कई जगहों पर तापमान 47 डिग्री के स्तर को पार कर गया है। वहीं मौसम विभाग ने उत्तरी राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है।  मौसम विभाग ने कहा कि इन राज्यों में तापमान में और इजाफा हो सकता है। मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पूर्व मध्य प्रदेश और विदर्भ में 28 मई तक हीटवेव जारी रहेगा और इन राज्यों में धूल भरी आंधी चल सकती है।  लेकिन इन राज्यों को 28 मई के बाद से ही प्रचंड गर्मी से राहत मिलेगी। क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिमी भारत को प्रभावित करेगा और निचले स्तर पर तेज हवाएँ भी चलेंगी। जिसके कारण तापमान में गिरावट आएगी।