मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रही सुषमा स्वराज ने दुनिया भर में फैले भारतीयों की समस्याओं को ट्विटर के जरिये हल कर प्रशंसा पाई। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को अपनी कैबिनेट में शामिल कर साफ कर दिया है कि वह कूटनीतिक मोर्चे को नई धार देने जा रहे हैं। सीधे विदेश मंत्री बने जयशंकर पर कूटनीति के साथ-साथ 'हीलिंग टच' की नीति को जारी रखने की भी जिम्मेदारी है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रही सुषमा स्वराज ने दुनिया भर में फैले भारतीयों की समस्याओं को ट्विटर के जरिये हल कर प्रशंसा पाई। 

बहरहाल, विदेश मंत्री का जिम्मा संभालने के बाद जयशंकर ने भी पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पदचिन्हों पर चलना शुरू कर दिया है। उन्होंने ट्विटर पर अपनी पारी की शुरुआत में इसका जिक्र किया था। अपने पहले ट्वीट में उन्होंने कहा था कि सुषमा के पदचिन्हों पर चलना गर्व की बात होगी।

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जयशंकर ने कहे अनुसार सक्रियता भी दिखाई। दरअसल, रिंकी नाम की एक महिला ने ट्वीट कर विदेश मंत्री जयशंकर और महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से अपील की थी कि उसकी दो साल की बेटी अमेरिका में है और वह भारत में है। उसने लिखा, 'मैं अपनी बेटी से संपर्क नहीं कर पा रही हूं। 6 महीने से कोशिश कर रही हूं, मेरी मदद करें।'

इस पर जयशंकर ने तत्काल महिला को जवाब दिया और कहा कि उनकी हरसंभव मदद की जाएगी। हमारे राजदूत हर्ष वर्द्धन सिंघला ने मामले पर काम शुरू कर दिया है, आप अमेरिका में मौजूद भारतीय दूतावास को पूरी जानकारी साझा करें। अपने ट्वीट को जयशंकर ने अमेरिका में मौजूद भारतीय दूतावास और राजदूत सिंघला को टैग किया। 

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एक और शख्स ने विदेश मंत्री से मदद मांगी। मणिक चट्टोपाध्याय नाम के शख्स ने ट्विटर पर एक वीडियो के जरिये विदेश मंत्री से मदद की गुहार लगाई। वीडियो में शख्स काफी परेशान और रोता हुआ दिखाई दे रहा था। वह कह रहा था कि सऊदी अरब में फंस गया हूं और भारत वापस जाना चाहता हूं, कृपया मेरी मदद करें। इस पर रियाद में भारतीय दूतावास ने तुरंत जवाब दिया।

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इसके बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने तुरंत कार्रवाई करने के लिए रियाद स्थित दूतावास की प्रशंसा की।  

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अफिम नाम की एक महिला ने विदेश मंत्री जयशंकर, महिला विकास मंत्री स्मृति ईरानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट करते हुए कहा कि उसकी मदद की जाए। वह अपने पति को कुवैत से वापस लाना चाहती है। वह न तो कोर्ट के समन का जवाब दे रहे हैं और आराम से वहां रह रहे हैं। उनके परिजन मुझे उनके घर में नहीं रहने दे रहे। 

इसका जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, कुवैत में हमारा दूतावास इस पर काम कर रहे है। कृपया उनसे संपर्क बनाए रखें। 

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जयशंकर से मदद की गुहार लगाने वालों में महालक्ष्मी नाम की एक महिला भी शामिल है। उसने विदेश मंत्री को ट्वीट कर कहा कि हम पारिवारिक टूर पर जर्मनी और इटली आए थे। हम इस समय इटली के टोरबोले में हैं। मेरा, मेरे पति और बेटे का पासपोर्ट हमारे बैग के साथ चोरी  हो गया है। हम तीन तारीख को म्यूनिख जा रहे है। वहां से छह तारीख को भारत जाना है, कृपया हमारी मदद कीजिए।

इसका जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, रोम में हमारा दूतावास और म्यूनिख में महावाणिज्य दूतावास हरसंभव मदद करेगा। आप उनसे संपर्क करें। 

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