पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने देर शाम राज्य में सरकार बनाने का दावा करते हुए कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के समर्थन वाला पत्र राज्यपाल को फैक्स किया था।
जम्मू-कश्मीर में तीन मुख्य दलों द्वारा मिलकर सरकार बनाने की कोशिशों के बीच देर रात राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने का आदेश दे दिया। इससे पहले सूबे में सरकार गठन को लेकर जबरदस्त सियासी घटनाक्रम देखने को मिला।
देर शाम पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के दावे का पत्र राज्यपाल सत्यपाल मलिक को फैक्स किया। इसमें 56 विधायकों के समर्थन की बात कही गई थी। हालांकि कुछ देर बाद ही महबूबा ने ट्वीट कर कहा कि राजभवन में फैक्स मशीन नहीं चल रही है और राज्यपाल उनसे फोन पर बात करने के लिए मौजूद नहीं है। महबूबा मुफ्ती के दावा पेश करने के कुछ देर बाद ही पीपुल्स कांफ्रेंस के मुखिया सज्जाद लोन ने भी भाजपा के 25 विधायकों समेत 18 अन्य विधायकों का समर्थन होने का दावा कर दिया। उन्होंने राज्यपाल सत्यपाल मलिक को व्हाट्सएप के जरिये अपना दावा भेजा। हैरानी की बात यह है कि राज्य में कुल 87 विधानसभा सीटें हैं। पीडीपी 56 और सज्जाद लोन 43 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे थे। यह आंकड़ा 96 हो जाता है। लोन ने पीडीपी के कुछ विधायकों के उनके समर्थन में होने की बात कही थी।
इससे पहले, दोपहर में पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी ने कहा कि उनकी पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाने की संभावना तलाश रही है। तीनों दलों के बीच 'महागठबंधन' को लेकर सहमति बन चुकी है। जल्द ही लोगों को अच्छी खबर दे दी जाएगी।
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इस बीच, ऐसी खबरें भी आईं कि पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन भी राज्य में सरकार बनाने के इच्छुक हैं और उन्हें भाजपा का समर्थन हासिल है। 'माय नेशन' ने दोपहर में ही अपनी खबर में बता दिया था कि राज्यपाल विधानसभा भंग किए जाने पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। विधानसभा भंग होने का मतलब साफ है कि आने वाले 2 से 3 महीने में जम्मू-कश्मीर में फिर से चुनाव हो सकते हैं।
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उधर, जब फैक्स मशीन खराब होने की वजह से पीडीपी के एमएलसी फिरदौस टाक गवर्नर सत्यपाल मलिक से मिलकर महबूबा के दावे का पत्र उन्हें सौंपने जा रहे थे, राजभवन की ओर से आधिकारिक तौर पर विधानसभा भंग करने का आदेश जारी कर दिया गया।
महबूबा के दावे का पत्र
सबसे पहले, महबूबा मुफ्ती ने अपने दावे का पत्र ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'राजभवन को सरकार बनाने के दावे का पत्र भेज रही हैं। लेकिन हैरत है कि वहां का फैक्स नहीं चल रहा हैं। राज्यपाल फोन पर भी उपलब्ध नहीं हैं।'
Have been trying to send this letter to Rajbhavan. Strangely the fax is not received. Tried to contact HE Governor on phone. Not available. Hope you see it @jandkgovernorpic.twitter.com/wpsMx6HTa8
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 21, 2018
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने राजभवन के इस रवैये पर निराशा जताते हुए ट्वीट किया, 'राजभवन को जल्द ही एक नई फैक्स मशीन की जरूरत है।'
J&K Raj Bhavan needs a new fax machine urgently.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 21, 2018
इस दौरान, सज्जाद लोन ने ट्वीट कर कहा, 'हमने राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा भेजा है। फैक्स काम नहीं कर रहा है, लिहाजा हमने गवर्नर के पीए को अपना पत्र व्हाट्सएप से भेज दिया है।'
We have sent a letter to His Excellency the Governor staking our claim to form the government. Fax not working. We ha e whatsapped it to the PA to his excellency. @jandkgovernor
— Sajad Lone (@sajadlone) November 21, 2018
— Sajad Lone (@sajadlone) November 21, 2018
जम्मू-कश्मीर विधानसभा निलंबित चल रही है। यहां 19 जून से राज्यपाल शासन लगा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, ‘विधानसभा निलंबित रखने का मकसद राज्य में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ करना था, ताकि एक निर्वाचित सरकार के गठन की संभावना बनी रहे।’ उधर, कुछ सूत्रों ने कहा है कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बात की थी।
Last Updated Nov 21, 2018, 10:30 PM IST