मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में सरकार बनाने के बाद अपने नेतृत्व में जांच समिति बनाते हुए शिक्षण संस्थानों के प्रमुख और प्रोफेसरों के खिलाफ एफआईआर करने का आदेश जारी किया है जिससे परेशान होकर राज्य से लगभग 15 वाइस चांसलर और 300 से अधिक प्रोफेसरों ने उपराष्ट्रपति को पत्र लिखते हुए मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाल में परिवार के सदस्यों और दोस्तों पर पड़ी इनकम टैक्स रेड के बाद बदले की राजनीति शुरू कर दी है. राज्य में सरकार बनाने के बाद अपने नेतृत्व में जांच समिति बनाते हुए शिक्षण संस्थानों के प्रमुख और प्रोफेसरों के खिलाफ एफआईआर करने का आदेश जारी किया है जिससे परेशान होकर राज्य से लगभग 15 वाइस चांसलर और 300 से अधिक प्रोफेसरों ने उपराष्ट्रपति को पत्र लिखते हुए मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है.
मध्य प्रदेश में आर्थिक अपराध शाखा ने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और 19 अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। मध्य प्रदेश सरकार के अधीन कार्य करने वाली शाखा ने 2003 से लेकर 2018 तक विश्वविद्यालय में की गयी भर्तियो और आर्थिक मंजूरियों के मामलों में ये केस दर्ज किया है।
असल में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बीजेपी से जुड़े लोगों के खिलाफ राज्य सरकार तेजी कार्यवाही कर रही है। राज्य में 2018 के दिसंबर में कांग्रेस की सरकार बनी थी और उसके बाद विश्वविद्यालय में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था जो 2003 से 2018 तक विश्वविद्यालय में किए गए कार्यों की जांच कर रही थी। कमेटी ने जांच में पाया कि इस दौरान विश्वविद्यालय में अध्यापकों की नियुक्ति, प्रशासनिक भर्तियों में कई तरह की अनियमिताएं की गयी। क्योंकि इस दौरान जो भी लोग यहां पर नियुक्त किए गए वह किसी विशेष विचारधारा को समर्थन करते थे। लिहाजा इन लोगों को यहां पर नियुक्त किया गया था। कमेटी का इशारा संघ और बीजेपी की ओर है।
ईओडब्लू ने ये केस कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद दर्ज किया है। ज्यादातर आरोप पूर्व कुलपति पर लगाए गए हैं। पूर्व कुलपति बीके कुंतलिया को संघ का करीबी माना जाता था। कमेटी ने आरोप लगाया है कि कुंतलिया ने 8 लाख रुपये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और 9 लाख रुपये राष्ट्रीय ज्ञान संगम को दिया था। यही नहीं कमेटी ने आरोप लगाया है कि कुंतलिया ने विश्वविद्यालय के धन का दुरुपयोग परिवार के लिए भी किया था। कुंतलिया और उनके सहयोगियों के खिलाफ 409, 420, 120 बी और सेक्शन 7 के तहत भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया है।
पिछले दिनो राज्य में मुख्यमंत्री कमलनाथ के सहयोगियों पर आयकर विभाग की रेड के बाद ईओडब्लू ने इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। असल में राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद भाजपा और उससे जुड़े संगठनों के खिलाफ राज्य सरकार ने कार्यवाही तेज कर दी है। पिछले दिनों राज्य सरकार के आदेश पर संघ के कार्यालय से सुरक्षा हटा ली गयी थी। जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री की सिफारिश पर वहां फिर से सुरक्षा व्यवस्था को मुहैया कराया गया था। यही नहीं राज्य सरकार ने सरकारी कार्यालयों में वंदे मातरम पर भी रोक लगा रखी है।
Last Updated Apr 18, 2019, 10:17 AM IST