कर्नाटक विधानसभा के अध्य्क्ष केआर रमेश कुमार ने अपना दांव चलते हुए कांग्रेस और जेडीएस 14 विधायकों को अयोग्य करार दिया था। जिसके बाद राज्य की राजनीति गर्मा गयी है। हालांकि पहले राज्य की नई भाजपा सरकार विधानसभा अध्यक्ष को हटाने की रणनीति बना रही थी।

 लेकिन उससे पहले ही विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने भाजपा को झटका देते हुए कांग्रेस के 11 और जेडीएस के 3 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। राज्य की नई येदियुरप्पा सरकार को सोमवार को सदन में बहुमत सिद्ध करना है। भाजपा को 106 विधायकों का समर्थन है।

शुक्रवार को राज्य में भाजपा ने नई सरकार का गठन किया है और वरिष्ठ नेता येदियुरप्पा को राज्य की कमान सौंपी है। येदियुरप्पा ने राज्य के 21वें मुख्यमंत्री की शपथ ली है। राज्य की विधानसभा में भाजपा के पास 105 विधायकों का समर्थन है।

जबकि कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के पास 99  विधायकों का समर्थन है। तीन दिन पहले ही विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने तीन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। जिसके तहत ये तीनों विधायक दलबदल कानून के तहत अगले विधानसभा में चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

वहीं आज एक बार विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किया है। सोमवार को राज्य में येदियुरप्पा सरकार को बहुतम घोषित करना है। हालांकि विधायकों को अयोग्य हो जाने के बाद सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के आज के फैसले के बाद भाजपा और बागी विधायकों की दिक्कतें बढ़ गयी हैं। गौरतबल है कि राज्य में 21 दिनों तक चले सियासी घमासान के बाद राज्य में कुमारस्वामी सरकार पिछले मंगलवार को गिर गयी थी।

क्योंकि वह सदन में बागी विधायकों के कारण बहुमत नहीं सिद्ध कर सकी थी। सदन में बहुमत के दौरान कुमारस्वामी सरकार 99 विधायकों का समर्थन मिला था। जबकि राज्य सरकार को 105 विधायकों जरूर थी। इसके बाद राज्य में येदियुरप्पा ने शुक्रवार को सरकार बनाई।