लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में अब उत्तर प्रदेश का वाराणसी चुनावी जंग का कुरूक्षेत्र बन गया है। अंतिम चरण में पूर्वांचल की 13 सीटों में मतदान होना है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी के साथ ही विपक्षी दलों ने रणनीति तैयार की है। विपक्षी दल वाराणसी को छोड़कर इसके आसपास की सीटों पर अपनी गणित लगा रहा है। जबकि बीजेपी के सामने पूरे पूर्वांचल को फतह करने की चुनौती है। लेकिन सभी राजनैतिक दल वाराणसी को केन्द्र बनाकर रणनीति तैयार कर रहे हैं।

पूर्वांचल की 13 सीटों पर 19 मई को मतदान होगा। इसके लिए बीजेपी ने पहले ही आक्रामक रणनीति तैयार की है। बीजेपी की रणनीति के तहत पार्टी के यूपी प्रभारी जेपी नड्डा पहले ही वाराणसी पहुंच गए हैं जबकि उसके साथ राज्य ईकाई के सभी बड़े नेता लगे हुए हैं। यही नहीं संघ ने भी पूर्वांचल को जीतने के लिए घर घर जनसंपर्क अभियान काफी पहले ही शुरू कर दिया था।

फिलहाल इस चरण में बीजेपी के साथ ही उसके सहयोगी दल पूर्वांचल में प्रचार करेंगे। लेकिन विपक्षी दलों ने भी बीजेपी को घेरने के लिए चक्रव्यूह तैयार किया है। लिहाजा वाराणसी को फोकस कर विपक्षी दल पूर्वांचल को साधने की तैयारी में हैं। फिलहाल पीएम नरेन्द्र मोदी 16 मई को वाराणसी से सटी चंदौली सीट पर प्रचार करेंगे और शाम को वह वाराणसी पहुंचेगे।

बहरहाल कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 15 मई को वाराणसी में रोड शो करेंगी। वह एक बार फिर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगी। ताकि हिंदू वोटरों को लुभाया जा सके। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी वाराणसी में चुनाव प्रचार कर सकते हैं। राहुल 16 या 17 मई को प्रियंका के साथ मिलकर रोड शो कर सकते हैं। हालांकि कांग्रेस को किसी बड़े चमत्कार की उम्मीद नहीं है।

फिर भी पार्टी पिछले बार की तुलना से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करने तैयारी में है। वहीं एसपी-बीएसपी और आरएलडी का गठबंधन भी वाराणसी को केन्द्र बनाकर चुनावी रण में उतर रहा है। बीजेपी के तर्ज पर ही गठबंधन ने अपनी आक्रामक रणनीति बनाई है। इसी रणनीति के तहत अखिलेश यादव,  बहुजन, मायावती और अजित सिंह ने 16 मई को वाराणसी, चंदौली और मिर्जापुर संसदीय सीटों पर एक साथ रैली को आयोजित करेंगे।