नई दिल्ली: दिल्ली में राज्य कैबिनेट ने एक फैसला लेते हुए ऑटो रजिस्ट्रेशन की फीस में भारी कमी के साथ साथ ऑटो चालकों के लिए कई तरह की रियातयों की घोषणा की गई है। पहले ऑटो रजिस्ट्रेशन के लिए 1000 रुपये देने पड़ते थे लेकिन अब ये रकम 300 रुपये कर दी गई है। दिल्ली सरकार ने सिम कार्ड फीस, जीपीएस चार्ज को भी माफ कर दिया गया है। 

दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले केजरीवाल सरकार ने ऑटो चालकों को अपने पाले में खींचने के लिए जबरदस्त ऐलान किया है। केजरीवाल सरकार ने ऑटो की फिटनेस फीस को माफ कर दिया है।

इसके पहले 7 अगस्त को केजरीवाल सरकार ने घोषणा की थी कि नए किराये के अनुसार ऑटो मीटर में सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के बाद ऑटो चालकों को रोड टेस्ट नहीं कराना होगा। यह प्रक्रिया लैब में ही पूरी कर ली जाएगी। वहीं, मीटर में सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के लिए एजेंसी ऑटो चालकों से 400 रुपये से ज्यादा नहीं वसूल सकेंगी। बुधवार को केजरीवाल सरकार में मंत्री इमरान हुसैन ने इसकी घोषणा की।

दिल्ली सरकार ने हाल ही में ऑटो की नई किराया सूची जारी की है। इसके अनुसार ऑटो मीटर में सॉफ्टवेयर अपग्रेड किया जाएगा। अभी मीटर में नए किराये के अनुसार सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने के बाद विभाग की वजीरपुर स्थित लैब में जांच होती है। इसके बाद ऑटो चालकों को रोड टेस्ट के लिए नजफगढ़ जाना होता था। इसको लेकर ऑटो चालक संगठनों ने विभाग से मध्य दिल्ली में ही रोड टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की थी।

मंत्री इमरान हुसैन ने बताया कि विभाग के अधिकारियों और संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों के साथ मामले में कई दौर की बैठक हुई है। इसमें ऑटो मीटर की जांच के लिए अलग से रोड टेस्ट को बंद करने का निर्णय लिया गया। नापतौल विभाग की प्रयोगशाला में ही रोड टेस्ट विधि के बाद सत्यापन प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। यह प्रक्रिया वजीरपुर लैब स्थित टैक्सी मीटर यूनिट में होगी।

ऑटो व टैक्सी में ट्रांसड्यूसर डिवाइस लगी होती है, जो दूरी को डिजिटल डाटा में बदलती है। इससे ही मीटर किराये की गणना कर बताता है। वहीं, मंत्री की तरफ से मीटर के सॉफ्टवेयर अपग्रेडेशन के लिए मरम्मत करने वाले, निर्माता और डीलरों को जीएसटी सहित 400 रुपये से अधिक का शुल्क नहीं लेने की एडवाइजरी जारी की गई है।

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनाने में ऑटो चालकों के प्रचार का भारी योगदान रहा। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद केजरीवाल सरकार ऑटो चालकों से जुड़े मुद्दे भुला बैठी थी। लेकिन अब फिर से चुनाव नजदीक आते ही केजरीवाल सरकार ने अपने कोर समर्थक ऑटो चालकों को फिर से अपने पाले में खींचने के लिए रियायतों की बौछार करनी शुरु कर दी है।